किस देश से आए थे मुगल और भारत आकर क्यों रुक गए?
1526 में इब्राहिम लोदी को पानीपत की लड़ाई में हराकर दिल्ली की सल्तनत पर कब्जा कर लिया था.

भारतीय इतिहास के सबसे प्रभावशाली राजवंशों में से एक मुगल थे, जिन्होंने लगभग 3 शताब्दियों तक भारत पर शासन किया था। उनकी कला, वास्तुकला और संस्कृति आज भी भारत में बसी हुई है। लेकिन, ये मुगल कहां से आए थे और उन्होंने भारत में बसना क्यों चुना? इस सवाल के जवाब के लिए हमें मुगल साम्राज्य की उत्पत्ति और भारत की उन परिस्थितियों के बारे में पता करना होगा, जिसकी वजह से मुगलों ने यहां पर शासन किया।
मुगलों की उत्पत्ति
कहा जाता है कि बाबर पिता की तरफ से तैमूर वंश और माता की तरफ से मंगोल सरदार चंगेज खान का वंशज था। हालांकि, मुगल फारसी संस्कृति से ज्यादा प्रभावित थे और उन्होंने उनकी ही भाषा, रीति-रिवाज और प्रशासनिक व्यवस्था को अपनाया था। मुगल शब्द मंगोल से लिया गया है, लेकिन मंगोलों का प्रभाव बहुत कम नजर आता है।
मुगल साम्राज्य का संस्थापक बाबर था, जो मूल रूप से फरगाना (वर्तमान उज्बेकिस्तान) से आया था। 12 साल की उम्र में वह तुर्किस्तान में फरगाना राज्य का शासक बन गया था। हालांकि, उसे गद्दी से हटा दिया गया और वह अफगानिस्तान आकर बस गया। उस समय भारत को समृद्ध देश माना जाता था, जहां विशाल संपत्ति, उपजाऊ भूमि और राजनीतिक विखंडन था। दिल्ली की गद्दी पर इब्राहिम लोदी ने कब्जा किया हुआ था और लोधी वंश का पतन हो रहा था।
शुरुआत में बाबर की नजर भारत पर नहीं थी, लेकिन मेवाड़ के राणा सांगा और दिल्ली सल्तन के अधीन गर्वनर दौलत खान लोदी ने इब्राहिम लोदी को हराने के लिए उससे मदद मांगी थी। बाबर ने मौका देखकर भारत में प्रवेश कर लिया और 1526 में हुई पानीपत की पहली लड़ाई में लोदी को हराकर बाबर ने भारत में मुगल साम्राज्य की स्थापना की।
भारत में 16वीं शताब्दी में राजनीतिक विखंडन बहुत था और दिल्ली की सल्तनत पर कब्जा करने के लिए क्षेत्रीय शासकों के बीच लड़ाइयां चल रही थीं। बाबर ने इसका फायदा उठाया और दिल्ली की गद्दी पर कब्जा कर लिया। उसने भारत को दुनिया का सबसे ज्यादा उत्पादक स्थान, खनिजों का भंडार, वस्त्र और मसालों का केंद्र जानकर यहीं रहने का मन बना लिया।
भारत में मुगल साम्राज्य कैसे मजबूत हुआ?
बाबर ने जब दिल्ली सल्तनत पर कब्जा कर लिया, तो उसके सामने चुनौती थी कि वह इस पर नियंत्रण कैसे बनाकर रखे और अपने मुगल साम्राज्य का विस्तार कैसे करे। इसके लिए, बाबर ने बारूद, तोपों और घुड़सवार सेना का इस्तेमाल करके युद्ध रणनीति पेश की। भारत में बाबर ने 1526 से 1530 तक शासन किया, इसके बाद उसके बेटे हुमायूं ने 1530 से लेकर 1540 तक और 1555 से लेकर 1556 तक राज किया।
मुगल शासकों ने कब से कब तक किया शासन?
वहीं, मुगल शासकों की लिस्ट में अकबर (1556-1605), जहांगीर (1605-1627), शाहजहां(1627-1658) और औरंगजेब (1658-1707) का नाम भी शामिल है। मुगल साम्राज्य का आखिरी बादशाह बहादुर शाह जफर था, जिसने भारत पर 1837 से 1857 तक शासन किया था। वहीं, बाबर के पोते अकबर ने अपने शासनकाल में काफी कुछ अच्छे बदलाव किए थे और हिंदू-मुस्लमानों को एकीकृत कर दिया था। अकबर ने धार्मिक सहिष्णुता की नीति को बढ़ावा दिया था। उसने राजपूत राजकुमारियों से शादी करके अपने मुगल साम्राज्य को स्थिर बना दिया था।
मुगलों ने भारत में रहना क्यों चुना?
मध्य एशिया से आए हुए मुगलों ने 1526 में दिल्ली की सल्तनत पर कब्जा किया और भारतीय इतिहास में मुगल साम्राज्य की नींव रखी। उन्होंने सैन्य नवाचार, प्रशासनिक दक्षता और सांस्कृतिक एकीकरण के जरिए अपने शासन को सफलतापूर्वक बनाए रखा। बाबर ने भारत में बसने का फैसला इसलिए किया, क्योंकि उस समय भारत आर्थिक रूप से समृद्ध था और यहां पर उपजाऊ भूमि और राजनीतिक विखंडन था। समय के साथ मुगल साम्राज्य की जड़ें भारत में गहरी होती चली गईं और आज हम इतिहास के पन्नों में मुगल शासकों को पढ़ते हैं।