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दिल्ली

कौन है निधि तिवारी, जिन्हें पीएम नरेंद्र मोदी की नई पर्सनल सेक्रेटरी नियुक्त किया गया है

31 मार्च 2025 को भारत सरकार ने एक महत्वपूर्ण नियुक्ति की घोषणा की, जिसमें भारतीय विदेश सेवा (IFS) की अधिकारी निधि तिवारी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नई पर्सनल सेक्रेटरी (प्राइवेट सेक्रेटरी) नियुक्त किया गया है। यह नियुक्ति तत्काल प्रभाव से लागू हो गई है और कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (DoPT) द्वारा जारी एक आधिकारिक आदेश के अनुसार, कैबिनेट की नियुक्ति समिति ने इसकी मंजूरी दी है। आइए, जानते हैं कि निधी तिवारी कौन हैं, उनका अब तक का करियर कैसा रहा है और इस नई भूमिका में उनकी जिम्मेदारियां क्या होंगी।

निधि तिवारी कौन हैं?

निधि तिवारी 2014 बैच की भारतीय विदेश सेवा (IFS) अधिकारी हैं, जिन्होंने अपने करियर में कई महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां संभाली हैं। वह नवंबर 2022 से प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) में डिप्टी सेक्रेटरी के पद पर कार्यरत थीं। इससे पहले, उन्होंने विदेश मंत्रालय के डिसआर्मामेंट एंड इंटरनेशनल सिक्योरिटी अफेयर्स डिवीजन में अंडर सेक्रेटरी के रूप में अपनी सेवाएं दी थीं। निधि तिवारी ने अपने करियर की शुरुआत सिविल सेवा परीक्षा 2013 में उत्तीर्ण करके की थी। इस परीक्षा को पास करने से पहले वह वाराणसी में असिस्टेंट कमिश्नर (कमर्शियल टैक्स) के पद पर कार्यरत थीं और नौकरी के साथ-साथ उन्होंने सिविल सेवा की तैयारी भी की थी।

PMO में डिप्टी सेक्रेटरी के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान, निधि तिवारी ने ‘विदेश और सुरक्षा’ (Foreign and Security) वर्टिकल में काम किया, जो राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल को रिपोर्ट करता है। इस दौरान उन्होंने विदेश मामलों, परमाणु ऊर्जा, सुरक्षा मामलों और राजस्थान राज्य से संबंधित मुद्दों पर विशेष रूप से ध्यान दिया। PMO में उनके तीन साल से अधिक के अनुभव ने उन्हें इस नई और महत्वपूर्ण जिम्मेदारी के लिए तैयार किया है।

कैसे हुई नियुक्ति?

निधि तिवारी की नियुक्ति की प्रक्रिया कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (DoPT) द्वारा संचालित की गई। 29 मार्च 2025 को जारी एक आधिकारिक ज्ञापन के अनुसार, कैबिनेट की नियुक्ति समिति ने उनकी नियुक्ति को मंजूरी दी। यह नियुक्ति तत्काल प्रभाव से लागू हो गई है और निधि तिवारी अब पे मैट्रिक्स के लेवल 12 पर प्राइवेट सेक्रेटरी के रूप में कार्य करेंगी। यह नियुक्ति सह-अवधि (co-terminus) के आधार पर की गई है, यानी यह तब तक प्रभावी रहेगी जब तक कि वह इस पद पर बनी रहेंगी या अगले आदेश तक।

Nidhi tiwari

निधी तिवारी की जिम्मेदारियां क्या होंगी?

प्रधानमंत्री की प्राइवेट सेक्रेटरी के रूप में निधी तिवारी की जिम्मेदारियां बेहद महत्वपूर्ण और व्यापक होंगी। इस पद पर उनकी भूमिका निम्नलिखित पहलुओं पर केंद्रित होगी:

प्रधानमंत्री के दैनिक कार्यों का प्रबंधन: निधि तिवारी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दैनिक शेड्यूल, बैठकों और यात्राओं के प्रबंधन की जिम्मेदारी होगी। उन्हें यह सुनिश्चित करना होगा कि सभी कार्यक्रम सुचारू रूप से और समय पर पूरे हों।

नीतिगत और प्रशासनिक समन्वय: वह PMO और विभिन्न मंत्रालयों, विभागों व अन्य हितधारकों के बीच समन्वय का एक महत्वपूर्ण कड़ी होंगी। नीतिगत निर्णयों को लागू करने और उनकी प्रगति की निगरानी में उनकी भूमिका अहम होगी।

विदेश और सुरक्षा मामलों पर ध्यान: अपने पिछले अनुभव को देखते हुए, निधी तिवारी विदेश नीति, सुरक्षा और अंतरराष्ट्रीय मामलों से संबंधित मुद्दों पर विशेष ध्यान देंगी। वह इन क्षेत्रों में प्रधानमंत्री को सलाह और सहायता प्रदान करेंगी।

संचार और गोपनीयता: प्राइवेट सेक्रेटरी के रूप में, उन्हें संवेदनशील और गोपनीय सूचनाओं को संभालना होगा। वह प्रधानमंत्री के संदेशों, पत्राचार और संचार को प्रबंधित करेंगी, साथ ही यह सुनिश्चित करेंगी कि सभी जानकारी सुरक्षित रहे।

प्रधानमंत्री की प्राथमिकताओं को लागू करना: निधि तिवारी को यह सुनिश्चित करना होगा कि प्रधानमंत्री की प्राथमिकताएं और निर्देश सभी संबंधित पक्षों तक पहुंचें और उनका पालन हो। वह विभिन्न परियोजनाओं और पहलों की प्रगति पर नजर रखेंगी।

निधि तिवारी का करियर और उनकी उपलब्धियां

निधि तिवारी ने अपने करियर में कई चुनौतियों का सामना किया और हर कदम पर अपनी योग्यता साबित की। सिविल सेवा में आने से पहले, उन्होंने वाराणसी में असिस्टेंट कमिश्नर (कमर्शियल टैक्स) के रूप में काम किया और नौकरी के साथ-साथ सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी की। 2013 में इस परीक्षा को पास करने के बाद, उन्होंने भारतीय विदेश सेवा (IFS) में प्रवेश किया। विदेश मंत्रालय में अंडर सेक्रेटरी के रूप में, उन्होंने डिसआर्मामेंट और अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा मामलों पर काम किया, जो एक जटिल और संवेदनशील क्षेत्र है।

PMO में डिप्टी सेक्रेटरी के रूप में उनके कार्यकाल ने उन्हें उच्च-स्तरीय प्रशासन और नीति निर्माण का गहन अनुभव दिया। विदेश और सुरक्षा वर्टिकल में उनकी भूमिका ने उन्हें राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर काम करने की गहरी समझ दी, जो अब उनकी नई जिम्मेदारी में बेहद उपयोगी साबित होगी।

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