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जात‍ि भी पूछेगी सरकार, लेकिन अगर हम अपनी जात‍ि न बताएं तो? जनगणना कानून क्‍या कहता है?

केंद्र सरकार ने जात‍ि जनगणना कराने का ऐलान क‍िया है. इसमें भारत में रहने वाले हर शख्‍स से उसकी जात‍ि पूछी जाएगी. लेकिन अगर कोई अपनी जा‍त‍ि न बताना चाहे तो? इस सवाल का जवाब जानने से पहले जान लीजिए क‍ि जनगणना होती कैसे है और जनगणना कानून में प्रावधान क्‍या-क्‍या हैं?

पहली बात, सरकारी सूत्रों का कहना है क‍ि जातीय जनगणना पूरी तरह डिजिटल होगा. इसमें आर्टिफ‍िश‍ियल इंटेल‍िजेंस यानी AI का जमकर इस्‍तेमाल क‍िया जाएगा. जिओ फेंसिंग के जरिए जनगणना होगी. इसमें ओबीसी के लिए अलग से कॉलम बनाया जाएगा. अब तक सिर्फ एससी-एसटी के ल‍िए ही कॉलम होता था, क्‍योंक‍ि उन्‍हीं की ग‍िनती होती थी. अब ओबीसी की उपजाति यान‍ी सबकैटेगरी के कॉलम पर भी विचार चल रहा है. इसमें लगभग 30 सवाल होंगे, जो जनगणना के दौरान पूछे जाएंगे. इसी के जरिए सामाजिक और आर्थिक स्थिति भी तय की जाएगी.

ऐसे सवाल जिनका जवाब देना अनिवार्य
1. जैसे, आपकी उम्र क्‍या है?
2. मह‍िला हैं या पुरुष?
3. शादी हुई है या नहीं?
4. कहां तक पढ़े हैं?
5. काम क्‍या करते हैं?
6. कहां रहते हैं और कहां से आए हैं?
7. कब से यहां रह रहे हैं?
गलत जानकारी देने पर 1000 का जुर्माना भी लगता है.

इनका जवाब देना जरूरी नहीं
1. आपका धर्म क्‍या है?
2. आपका झुकाव क‍िस पार्टी की ओर है?
3. आपकी सेहत, विकलांगता से जुड़े निजी सवाल
4. निजी पहचानपत्र जैसे आधार, पैन आदि

अब जात‍ि की बात
तो सबसे पहले जान लीजिए क‍ि अब तक जनगणना कानून में जात‍ि बताना जरूरी नहीं था. सिर्फ एससी एसटी से पूछा जाता था. लेकिन अब जात‍ि जनगणना होगी तो हर क‍िसी से उसकी जात‍ि पूछी जाएगी. अभी इसके ल‍िए कोई कानून नहीं बना है क‍ि जात‍ि बताना अन‍िवार्य होगा या फ‍िर स्‍वैच्‍छ‍िक. इसल‍िए सरकार जब इसका नोट‍िफ‍िकेशन जारी करेगी और कानून बनाएगी तब इस पर कोई स्‍पष्‍टीकरण आएगा.

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