Join Whatsapp Group
Join Our Whatsapp Group
ख़बरेंदेशराजनीति

पद्मश्री लेते हुए पंडी राम मंडावी की सादगी और पारंपरिक पहनावे ने सभी का दिल जीता, सोशल मीडिया पर तस्वीरें वायरल

Padma Awards: राष्ट्रपति भवन में मंगलवार को प्रेसिडेंट द्रौपदी मुर्मू ( Droupadi Murmu ) ने मुल्क की कई हस्तियों को पद्म अवार्ड से नवाजा.  इस दौरान प्रेसिडेंट मूर्मू ने साध्वी ऋतंभरा को सामाजिक कार्य के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए पद्म भूषण सम्मानित किया. वहीं, कला-लोक संगीत के क्षेत्र में कॉन्ट्रिब्यूशन के लिए भारतीय लोक और शास्त्रीय गायिका शारदा सिन्हा को मरणोपरांत पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया. साथ ही, डॉ. शोभना चंद्रकुमार को कला-लोक नृत्य के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से पद्म भूषण से नावाजा.

सादगी से सभी का दिल जीता

लेकिन इन सभी के बीच सबसे ज़्यादा चर्चा में रहे पंडी राम मंडावी. उन्होंने अपनी सादगी और पारंपरिक पहनावे से सभी का दिल जीत लिया. हाफ नीली लुंगी, सफेद कमीज़ और सिर पर पारंपरिक पगड़ी पहनकर जब पंडी प्रेसिडेंट के सामने अवार्ड लेने पहुंचे, तो हर किसी की नज़र उन्हीं पर टिक गई. उनके भोलेपन और उनकी सादगी ने लोगों का दिल को छू लिया. सोशल मीडिया पर भी उनकी तस्वीरें और वीडियो खूब वायरल हो रही हैं. पंडी राम मंडावी को कला-काष्ठ शिल्प के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से पद्मश्री से नवाजा है. चलिए जानते हैं कौन हैं पंडी राम मंडावी

कौन हैं पंडी राम मंडावी?
गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर प्रेसिडेंट द्रौपदी मुर्मू ने पद्म पुरस्कारों का ऐलान किया. पुरस्कारों की  इस लिस्ट में छत्तीसगढ़ के पंडी राम मंडावी का नाम भी शामिल था. वे नारायणपुर जिले के गोंड मुरिया जनजाति के मारूफ फनकार हैं.  68 साल के पंडी राम मंडावी गोंड मुरिया जनजाति से आते हैं और वे पिछले पांच दशकों से बस्तर की कल्चर हेरिटेज को न केवल संरक्षित किए हैं, बल्कि उसे नई पहचान भी दिलाई है. वे कला-काष्ठ शिल्प के क्षेत्र मे काफी मशहूर हैं. उनकी फनकारी के मुरीद देश ही नहीं बल्कि विदेश में भी है.

 कला को ग्लोबल लेवल पर पहुंचाया

उनकी खास पहचान बांस से बनी बस्तर बांसुरी, जिसे ‘सुलुर’ कहा जाता है, को बनाने में है. इसके अलावा, उन्होंने लकड़ी के पैनलों पर उभरे हुई तस्वीर, मूर्तियां और अन्य शिल्पकृतियों के जरिए से अपनी कला को ग्लोबल लेवल पर पहुंचाया है. पंडी राम मंडावी ये फनकारी विरासत में मिली है. उन्होंने महज 12 साल की उम्र में अपने पूर्वजों से यह कला सीखी और अपने लगन व महारत के दम पर इस कला और संस्कृति को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया.

139 हस्तियों को पद्म पुरस्कार
रिपोर्ट के मुताबिक, इस साल सरकार ने 139 पद्म पुरस्कारों का ऐलान किया था,  जिनमें सात पद्म विभूषण, 19 पद्म भूषण और 113 पद्म श्री अवार्ड शामिल हैं.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button