Nuclear Bomb : क्या पाकिस्तान का परमाणु बम था भारत के निशाने पर?

Nuclear Bomb: 10 मई की रात भारत द्वारा पाकिस्तान के प्रमुख एयरबेस पर किए गए वायु हमलों के बाद दोनों देशों के बीच तनाव फिलहाल शांत हो गया है. न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, इन हमलों ने पाकिस्तान को भारी नुकसान पहुंचाया. इससे वहां डर का माहौल बन गया. हमले के बाद पाकिस्तान को आशंका थी कि भारत और बड़ा हमला कर सकता है. इस घटना ने दोनों देशों के बीच सुरक्षा चिंताओं को एक बार फिर से बढ़ा दिया. दरअसल, भारत के साथ बढ़ते तनाव के बीच पाक की सबसे बड़ी चिंता उसकी परमाणु कमांड अथॉरिटी पर संभावित भारतीय हमले को लेकर थी.
पाकिस्तान को सताने लगी थी परमाणु नियंत्रण तंत्र की चिंता
अमेरिकी अधिकारी के अनुसार, पाकिस्तान ने इस हमले को भारत की ओर से चेतावनी के रूप में देखा. संकेत था कि भारत चाहे तो उसकी परमाणु क्षमता पर सीधा हमला कर सकता है. नूर खान एयरबेस, जहां हमला हुआ, पाकिस्तान के परमाणु हथियारों की निगरानी करने वाले स्ट्रैटेजिक प्लान्स डिविजन के मुख्यालय के बेहद करीब है. माना जाता है कि पाकिस्तान के पास करीब 170 परमाणु वॉरहेड्स हैं, जिनमें से कुछ रावलपिंडी क्षेत्र में स्थित हैं. ऐसे में भारत द्वारा इस इलाके में हमला किए जाने के बाद पाकिस्तान को आशंका हुई कि अगला हमला उसके परमाणु नियंत्रण तंत्र को निशाना बना सकता है.
क्यों अमेरिका को आना पड़ा भारत–पाक के बीच?
इस तनावपूर्ण स्थिति ने वॉशिंगटन और खाड़ी देशों को भी चिंतित कर दिया. अमेरिकी प्रशासन और क्षेत्रीय नेताओं ने भारत-पाकिस्तान के बीच सीजफायर के लिए लगातार प्रयास किए. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने टीवी पर आकर अमेरिका का धन्यवाद किया, जिसने युद्धविराम कराने में अहम भूमिका निभाई. हालांकि भारत ने साफ किया कि अमेरिका का सीजफायर प्रक्रिया में कोई सीधा हस्तक्षेप नहीं था. रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान की खुफिया एजेंसियों को आशंका थी कि भारत इस बार इस्लामाबाद पर सीधा हमला कर सकता है. इसी डर की वजह से पाकिस्तान ने अपने संवेदनशील ठिकानों की रक्षा के लिए लड़ाकू विमानों और मिसाइल रक्षा प्रणालियों को अलर्ट मोड में लाया.