History of Taj Mahal: हिंदू राजा ने ताजमहल को अस्तबल में बदल दिया था, कौन था वह हिंदू राजा?, जानें इस खबर में

History Class, General Knowledge : ताजमहल दुनिया के सबसे खूबसूरत और मशहूर आर्किटेक्चर में से एक है. इसकी खूबसूरती पर कोई दाग न लगे, इसका खास ख्याल रखा जाता है. जिस पर काफी पैसे खर्च होते हैं. लेकिन एक वक्त ऐसा भी था, जब इसे अस्तबल में बदल दिया गया था और इसमें भूसा रखा जा रहा था. यह काम भरतपुर (डीग) के हिंदू राजा महाराजा सूरजमल (13 फरवरी 1707– 25 दिसम्बर 1763) ने किया था.
ताजमहल पर चांदी से मढ़ा हुआ था
महाराजा सूरजमल के करीब चार हजार जाट सैनिकों ने एक महीने की घेराबंदी के बाद 12 जून 1761 को आगरा के किले पर कब्जा कर लिया था. जिसके बाद सैनिकों ने ताजमहल पर हमला बोला और उसका मुख्य द्वार उखाड़कर ले गए, जो चांदी से मढ़ा हुआ था. महाराजा सूरजमल ने इसे पिघला दिया.
ताजमहल ढहा देने की सलाह दी थी
विभिन्न इतिहासकारों के अनुसार, महाराजा सूरजमल के सहयोगियों ने उन्हें ताजमहल ढहा देने की सलाह दी थी. हालांकि उन्होंने यह बात नहीं मानी. अगर मान लेते तो आज हम बस उसे इतिहास में ही पढ़ सकते. सूरजमल ने इसमें घोड़े बांधने और भूसा भरना तय किया. यह ढ़लते हुए मुगल साम्राज्य की प्रतिष्ठा पर एक और करारी चोट थी
ताजमहल में भरवा दिया भूसा
विभिन्न इतिहासकारों के अनुसार, महाराजा सूरजमल के सहयोगियों ने उन्हें ताजमहल ढहा देने की सलाह दी थी. हालांकि उन्होंने यह बात नहीं मानी. अगर मान लेते तो आज हम बस उसे इतिहास में ही पढ़ सकते. सूरजमल ने इसमें घोड़े बांधने और भूसा भरना तय किया. यह ढ़लते हुए मुगल साम्राज्य की प्रतिष्ठा पर एक और करारी चोट थी.
1761 में हुआ था पानीपत का तीसरा युद्ध
महाराजा सूरजमल के 12 जून 1761 के आगरा के किले पर कब्जा करने के कुछ ही महीने पहले 14 जनवरी 1761 को पानीपत का तीसरा युद्ध लड़ा गया था. जिसमें सदाशिवराव भाऊ के नेतृत्व वाली मराठों की विशाल फौज को अहमद शाह अब्दाली से करारी शिकस्त झेलनी पड़ी थी.