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एक साल में जितने दिन उतनी रानियां थीं Patiala के राजा की, जानिए अनसुने किस्से!

अय्याशी की मिसाल बने महाराजा भूपिंदर सिंह.

Maharaja Bhupinder Singh of Patiala: महाराजा भूपिंदर सिंह अपनी विलासिता और शानो-शौकत से भरी जिंदगी के लिए जाने जाते थे। वह पहले भारतीय थे जिनके पास हवाई जहाज था और वह कारों के भी शौकीन थे। उनके पास 20 रॉल्स रॉयस गाड़ियों का एक काफिला था। जब मुगलों ने भारत पर राज किया तो उनके शाही हरम की चर्चा हर ओर होती थी। लेकिन भूपिंदर सिंह ने अपने जमाने में अय्याशी और विलासिता की ऐसी इबारत लिखी कि मुगलों की चमक ही फीकी पड़ गई।

1 राजा और 365 रानियां
पटियाला दरबार में मिनिस्टर रहे दीवान जरमनी दास के मुताबिक हिज हाइनेस महाराजा सर भूपिंदर सिंह काफी रंगीन मिजाज के महाराज थे। साल में जितने दिन होते हैं उतनी ही रानियां उनके हरम में थीं, मतलब कि 365 रानियां। उनमें से 10 प्रमुख थीं। बाकी महाराजा के लिए सिर्फ शारीरिक संबंध बनाने के लिए थीं। रानियों का भोजन भी उनकी हैसियत के हिसाब से तय होता था।

महाराजा का शाही अंदाज
महाराजा भूपिंदर सिंह के महल में रानी-महारानी या फिर राजकुमारों के जन्मदिन पर ऐसा भव्य जलसा होता था कि देखने वालों के मुंह खुले रह जाते थे। छोटी दावतों में भी करीब 300 खास मेहमान शामिल होते थे। उनके लिए दुनिया का सबसे अच्छा भोजन और शराब परोसा जाता।

विदेशी परोसते थे खाना
भारतीय वेटर्स के साथ ही इटालियन और अंग्रेज़ वेटर्स खाना परोसते थे। खाने और शराब की गुणवत्ता उच्चकोटि की होती थी। दुनिया की सबसे महंगी शराब मेहमानों के मिजाज को रंगीन बना देती थी। भोज के बाद संगीत का कार्यक्रम होता था, जहां भारत के विभिन्न क्षेत्रों से बुलाई गई नर्तकियां महाराजा का मनोरंजन करती थीं।

भूपिंदर सिंह की नाइट पार्टी
भले नाइट पार्टीज का कल्चर अब ज्यादा पॉपुलर हुआ हो लेकिन उस जमाने में भूपिंदर सिंह की ये पार्टियां शाम से शुरु हो कर अगली सुबह तब तक चलती थी जब तक हर कोई शराब के नशे में चूर होकर सो नहीं जाता था। महाराजा भूपिंदर सिंह का जीवन वास्तव में अत्यधिक विलासिता और अय्याशी से भरा हुआ था। उनके द्वारा किए गए कार्य और उनकी जीवनशैली आज भी लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं

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