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प्रेमानंद जी का यह किस्सा सुन आप भी हाे जाएंगे भावुक

मथुरा वृंदावन के संत प्रेमानंद महाराज की दोनों किडनियां फेल हैं.

Premanand Maharaj Kidney: जिंदगी किसी की भी आसान नहीं होती है, हर इंसान ने कभी ना कभी मुश्किल समय का सामना किया ही होता है। हालांकि कामयाब वही है जो पुराने वक्त को भूल कर आगे बढ जाए। लाखों लोगों का मार्गदर्शन करने वाले राधा रानी के परम भक्त प्रेमानंद जी महाराज जी के साथ भी कुछ ऐसा हो चुका है जिसकी हम में से कोई कल्पना भी नहीं कर सकता।

हर दिन होता डायलिसिस

महाराज जी कोकिडनी से संबंधित बहु​त ही भयंकर बीमारी थी, जिसके चलते युवा अवस्था में ही उनकी दोनों किडनी खराब हो गई। जहां कोई आम शख्स बिना किडनी एक वर्ष भी स्वस्थ नहीं रह पाता, वहां कई सालों से प्रेमानंद जी बिना किडनी के अपने दैनिक कार्य बेहद आसानी से कर लेते हैं। हालांकि हर दिन उनका डायलिसिस होता है। कुछ संत और भक्त तो उन्हें अपनी किडनी देने के लिए भी तैयार हैं लेकिन महाराज जी का कहना है कि जितनी जिंदगी भगवान ने उनके लिए लिखी है वह उतनी ही जीएंगे।

भक्तों की आंखे नम

हाल ही में प्रेमानंद महाराज ने अपनी इस बीमारी से जुडा ऐसा किस्सा बताया जिसे सुनकर सारे भक्तों की आंखे नम हो गई। उन्होंने बताया- “जब वह वृंदावन आए तो कुछ दिन बाद ही पता चला कि उनकी दोनों किडनियां खराब हो चुकी हैं, उस समय उनके पास पैसे नहीं थे। इतना ही नहीं जिस आश्रम में रहते थे वहां से उन्हें निकाल दिया गया। वहां के लोगों को लगा कि इनकी किडनी खराब है, कुछ दिक्कत हुई तो आश्रम पर बोझ पड़ेगा”।

मैं आपका ठेकेदार हूं क्या

किडनी रोग के कारण महाराज जीका चलना मुश्किल था, जब उन्होंने आश्रम के महंत से उन्हें रखने के लिए कहा तो महंत ने जवाब दिया कि मैं आपका ठेकेदार हूं क्या”। महाराज जी ने बताया कि उन्हें आश्रम छोड़ने के लिए 15 दिन का समय दिया गया लेकिन उन्होंने तत्काल आश्रम छोड़ दिया। महाराज जी का कहना है कि इस किडनी रोग की कृपा से वो बात बनी जो स्वस्थ रहते न बनती। ये सुन वहां मौजूद भक्तों की आंखें नम हो गई।

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