
नई दिल्ली:22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए कायराना आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने जिस सटीकता और साहस के साथ ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को अंजाम दिया. उसने पूरी दुनिया को एक स्पष्ट संदेश दिया भारत आतंकवाद के खिलाफ ‘जीरो टॉलरेंस’ की नीति पर कायम है लेकिन जब ये बहुचर्चित ऑपरेशन महज 22 मिनट में पूरा हो गया और कुछ ही दिनों बाद अचानक रोक दिया गया, तो सवाल उठने लगे क्या भारत किसी दबाव में झुक गया? इसका जवाब रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लोकसभा में बेहद साफ शब्दों में दिया. उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर को रोका नहीं गया, बल्कि उस समय समाप्त किया गया जब भारत ने अपने सभी सैन्य और राजनीतिक लक्ष्य पूरी तरह हासिल कर लिए थे. उन्होंने इस बात को सिरे से खारिज किया कि ऑपरेशन पर कोई बाहरी दबाव था.
क्या कहा राजनाथ सिंह ने?
राजनाथ सिंह ने लोकसभा में कहा कि हमारी सेनाओं ने हर पहलू का गहराई से अध्ययन किया था. हमारे पास कई विकल्प थे लेकिन हमने वह चुना जिसमें आतंकवादियों को अधिकतम नुकसान पहुंचे और पाकिस्तान के आम नागरिकों को कोई हानि न हो. उन्होंने कहा कि हमारी वायुसेना ने आकाश से हमला किया, थल सेना जमीन पर डटी रही और नियंत्रण रेखा पर हमारे जवानों ने पूरी ताकत से पाकिस्तान की हर हरकत का जवाब दिया. राजनाथ सिंह ने आगे कहा कि इस ऑपरेशन में जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और हिजबुल मुजाहिदीन जैसे संगठनों से जुड़े 100 से अधिक आतंकी, उनके ट्रेनर और आका मारे गए.
– पाकिस्तान सरकार आतंकियों के लिए स्टेट फ्यूनरल का इंतजाम करती है. मोदी जी का नया बारत है जो आतंकवाद के खिलाफ किसी हद तक जा सकता है. युद्ध अपनी बराबरी वालों से करना चाहिए. शेर यदि मेंढकों को मारे तो अच्छा संदेश नहीं जाचा. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान का आतंकाद कोई पागलपन नहीं, सोची समझी साजिश है एक टूल किट है और पाकिस्तान फेल्ट स्टेट है. उन्होंने कहा कि आतंकवाद को पालने वाले पाकिस्तान को आतंकवाद का पीड़ित कैसे मान लें.
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विपक्ष ने एक बार भी हमसे नहीं पूछा कि हमारी सेनाओं ने दुश्मन के कितने मार गिराए. आपको प्रश्न पूछना है तो यह पूछिए, इस ऑपरेशन में क्या हमारे जाँबाज सैनिकों की कोई क्षति हुई है? तो उसका उत्तर है,नहीं, हमारे सैनिकों की कोई क्षति नहीं हुई है. आपको प्रश्न पूछना है तो यह प्रश्न पूछिए कि जिन आतंकियों ने हमारी बहनों, हमारी बेटियों का सिन्दूर मिटाया.
क्या हमारी सेनाओं ने ऑपरेशन सिंदूर में उन आतंकियों के आकाओं को मिटाया, तो इसका उत्तर है, हां.
उनको ये पूछना चाहिए, क्या भारत ने पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों को तबाह किया तो उसका उत्तर है हैं- हां
आपको यह पूछना चाहिए ऑप सिदूर सफल रहा है तो इसका उत्तर है – हां
क्या इस ऑप में हमारे जाबांज़ सैनिको को कोई क्षति हुई है तो इसका उत्तर है – नहीं
– अध्यक्ष महोदय, हम अगर शांति की आशा के लिए हाथ बढ़ाना जानते हैं तो अशान्ति फैलाने वाले हाथों को उखाड़ना भी जानते हैं. अगर शांति के प्रयास करना जानते हैं तो, दुष्टों को जो भाषा समझ में आए उसी भाषा में समझाना भी जानते हैं. शठे शाठ्यम समाचरेत् अर्थात दुष्ट के साथ दुष्टता का ही व्यवहार करना चाहिए.
– पाकिस्तान जैसा देश जो साइज, सामर्थ्य, शक्ति और समृद्धि में हमारे आस-पास भी नहीं है उस मुल्क से कैसा मुकाबला? जो मुल्क अपने अस्तित्व के लिए दूसरों पर आश्रित हो, उससे मुकाबले का मतलब है अपना स्तर कम करना. हमारी नीति है, आतंकवाद के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई करना. हमारा पाकिस्तान विरोध उनकी आतंकवाद की नीति के कारण है.
– हमारी प्रवृत्ति भगवान राम और भगवान कृष्ण से प्रेरित है जो हमें शौर्य भी सिखाती है और और धैर्य भी सिखाती है. इस सीख का हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में हमारी विदेश और रक्षा नीति में प्रयोग कर रहे हैं. आज भारत पहले दोस्ती का हाथ बढ़ाता है, लेकिन अगर कोई देश धोखा दे, तो वह उसकी कलाई भी मरोड़ना जानता है.