कौन हैं कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह, जिन्होंने पाकिस्तान की खोली पोल

नईदिल्ली। भारतीय सेना ने 15 दिन बाद जम्मू कश्मीर के पहलगाम में मारे गए 26 बेकसूरों का बदला ले लिया है। 6 मई की देर रात पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में 9 से ज्यादा आतंकी ठिकानों को मिसाइलों से खत्म कर दिया है। इसमें सैकड़ों आतंकियों के मारे जाने की खबर है।
भारत का हमला इतना जोरदार रहा कि पाकिस्तान खुद मानना पड़ा कि हम पर हमला हुआ है। इससे पहले उरी सर्जिकल स्ट्राइक व बालाकोट एयर स्ट्राइक के दौरान उसने मानने से मना कर दिया कि हम पर हमला हुआ है।
भारत ने ऑपरेशन सिंदूर को लेकर एक आधिकारिक प्रेस कॉन्फ्रेंस की, जिसमें भारत के विदेश सचिव विक्रम मिसरी व उनके साथ दो महिला सैन्य अधिकारी कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह मौजूद रहीं। महिला अधिकारियों ने भारतीय सेना के हमले (Operation Sindoor key Insights) की जानकारी दी।
सोशल मीडिया सोफिया कुरैशी और व्योमिका सिंह की चर्चाएं तेज हो गई हैं। इस खबर हम आपको इन दोनों के जीवन के बारे में बताएंगे।
सोफिया कुरैशी (Who is Colonel Sophia Qureshi)
वडोदरा (गुजरात) में 1981 में जन्मीं लेफ्टिनेंट Colonel Sophia Qureshi भारतीय सेना की एक प्रेरणादायी महिला अधिकारी हैं। बायोकेमिस्ट्री में पोस्ट ग्रेजुएट सोफिया का सेना में चयन 1999 में हुआ और उन्होंने चेन्नई स्थित ऑफिसर्स ट्रेनिंग अकादमी से प्रशिक्षण प्राप्त किया। 2006 में उन्होंने कांगो में संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन में सेवा दी।
उन्हें पंजाब सीमा पर ऑपरेशन पराक्रम और उत्तर-पूर्व भारत में बाढ़ राहत कार्यों के लिए प्रशंसा पत्र प्राप्त हुए हैं। 2016 में वह ‘एक्सरसाइज फोर्स 18’ में 18 देशों के बीच भारत का प्रतिनिधित्व करने वाली पहली महिला बनीं।
इस अभ्यास में वह भारतीय दल की कमान संभालने वाली एकमात्र महिला अधिकारी थीं। उनका सैन्य जीवन समर्पण, साहस और नेतृत्व की मिसाल है। सोफिया ने शादी मैकेनाइज़्ड इन्फेंट्री के एक सेना अधिकारी मेजर ताजुद्दीन कुरैशी से की है। उनका एक बेटा समीर कुरैशी है।
व्योमिका सिंह (Who is Wing Commander Vyomika Singh)
Wing Commander Vyomika Singh 18 दिसंबर 2004 को भारतीय वायुसेना में शामिल हुईं। 2017 में विंग कमांडर बनीं। उनके पास चीता और चेतक जैसे लड़ाकू हेलिकॉप्टर्स उड़ाने का व्यापक अनुभव है। हजारों फ्लाइंग ऑवर्स उन्हें वायुसेना की सबसे कुशल पायलटों में शामिल करता है।
क्लास 6 में ही उन्होंने तय कर लिया था कि वे आसमान की ऊंचाइयों को छुएंगी, क्योंकि उनके नाम का अर्थ है “जो आसमान को मुट्ठी में रखे” है। उन्होंने यूपीएससी के जरिए वायुसेना में प्रवेश लिया।
2021 में माउंट मणिरंग पर चढ़ाई करने वाली वायुसेना की महिला टीम का हिस्सा बनकर उन्होंने इतिहास रचा। आज वह भारतीय सेना के अहम अभियानों में सक्रिय भूमिका निभा रही हैं।