Betul : हार्डवेयर व्यवसायी की हत्या के आरोप में दो गिरफ्तार, दो फरार की तलाश

बैतूल से अनिल सिंह ठाकुर की रिपोर्ट
बैतूल : मध्य प्रदेश के बैतूल जिला मुख्यालय पर मंगलवार रात अज्ञात हमलावरों ने एक हार्डवेयर दुकान संचालक की गोली मारकर हत्या कर दी थी पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार कर हत्या में प्रयुक्त एक देशी कट्टा और एक मोटर साइकिल जब्त की है।
सीने में मारी थी गोली
पुलिस अधीक्षक निश्चल एन झरिया ने बुधवार दोपहर पत्रकार वार्ता में मामले का खुलासा करते हुए बताया कि बीते सोमवार रात करीब 9 बजकर 40 मिनट पर मृतक के भाई फरियादी रमेश पंवार को एक दुकानदार वरु आहुजा ने फोन पर सूचना दी कि उनके छोटे भाई अशोक पंवार दुकान के काउंटर पर अचेत अवस्था में पड़े हैं । और उनके सीने से खून निकल रहा है। सूचना मिलते ही रमेश पंवार अपने छोटे भाई मनोज पंवार के साथ तुरंत दुकान पहुंचे, जहां अशोक पंवार काउंटर पर सिर टिकाए हुए थे और गंभीर घायल था। उन्हें तत्काल जिला अस्पताल लाया, जहां डॉक्टर ने बताया कि उनके सीने पर गोली लगने का निशान है और उन्हें मृत घोषित कर दिया।
सीसीटीवी फुटेज में दिखे संदिग्ध युवक
एसपी ने बताया कि सीसीटीवी फुटेज की जांच में सामने आया कि घटना से पहले दो संदिग्ध युवक दुकान के आसपास रेकी कर रहे है. घटना की गंभीरता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक निश्चल एन. झारिया ने तत्काल आरोपियों की गिरफ्तारी के निर्देश दिए गए। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक कमला जोशी के मार्गदर्शन में विशेष पुलिस टीम गठित कर आरोपियों की तलाश शुरू कर दी। वरिष्ठ अधिकारियों एवं एफएसएल टीम द्वारा घटनास्थल का सूक्ष्मता से निरीक्षण किया गया.
सीसीटीवी फुटेज से आरोपियों की पहचान
सीसीटीवी फुटेज और सायबर सेल की मदद से आरोपियों की पहचान कर तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर दो आरोपियों राजेश गिरी गोस्वामी पिता परसुराम गोस्वामी (30 )वर्ष, निवासी शेरपुर, थाना गैरवा, जिला बांदा उत्तर प्रदेश एवं विलेशगिरी पिता सेनगिरी महाराज (40) वर्ष, निवासी पुरानी बिंदवारी, गांधीनगर जिला बांदा बांदा उत्तर प्रदेश को गिरफ्तार किया गया। आरोपियों के पास से घटना में प्रयुक्त वाहन के अलावा एक देशी कट्टा भी जब्त किया है। दो अन्य फरार आरोपियों की तलाश की जा रही है।
संपत्ति में हिस्सेदारी का लालच बना हत्या का कारण
पुलिस अधीक्षक निश्चल एन झरिया ने बताया कि अशोक पंवार की हत्या का कारण संपत्ति में लालच दिया जाना बताया है, जिसमें मृतक की पत्नी के मायके पक्ष द्वारा एक आरोपी को मुंह बोला भाई मानकर संपत्ति में हिस्सेदारी देने की बात कही गई थी। इसी कारण आरोपी ने अपने साथियों के साथ मिलकर इस वारदात को अंजाम दिया।
मामले को सुलझाने में इनकी रही भूमिका
पुलिस के लिए चुनौती बने इस प्रकरण को सुलझाने में सराहनीय भूमिका निभाने वालों में
एसडीओपी बैतूल शलिनी परस्ते, एसडीओपी शाहपुर मंयक तिवारी, थाना प्रभारी गंज अरविंद कुमरे, कोतवाली थाना प्रभारी रविकांत डहेरिया, निरीक्षक आबिद अंसारी (प्रभारी, सीन ऑफ क्राइम) जयपाल इनवाती, मुकेश ठाकुर उपनिरीक्षक इरफान कुरैशी, नितिन पटेल, राकेश सरयाम. रवि शाक्य एवं गजेन्द्र केन सहायक उप निरीक्षक उमेश बिल्लारे, किशोरीलाल सल्लाम, प्रधान आरक्षक, हितुलाल, चन्द्रकिशोर, मयुर एवं सुभाष माकोड़े, आरक्षक अनिरुद्ध यादव , नितिन, नवीन,आर शिव, सुरजीत जाट, मोहित भाटी, मनोज कोलारे, नरेन्द्र, धीरज काले, नीरज पांडे, अजीत तोमर, डॉग मास्टर विवेक गाडगे , पवन एनिया, अशोक घाघरे, हरिओम शर्मा, अवधेश राजपूत एवं अवनीश यादव शामिल है।