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परिवार का पेट पालने के लिए केदारनाथ में खच्चर चलाया, अब IIT में हुआ सिलेक्शन, जानें अतुल की सफलता की कहानी

आज हम आपको जिस शख्स से मिलवाने जा रहे हैं उन्होंने अपने परिवार का पेट पालने के लिए केदारनाथ में खच्चर चलाया और अब उनका सिलेक्शन आईआईटी में पढ़ाई के लिए हुआ है. आज हम आपको अतुल कुमार की पढ़ाई-लिखाई और उनके अबतक के सफर के बारे में बताएंगे.

केदारनाथ में परिवार की आर्थिक मदद के लिए चलाते हैं घोड़ा-खच्चर
अतुल कुमार रुद्रप्रयाग के बीरों-देवल गांव से ताल्लुक रखते हैं. वह बेहद ही साधारण परिवार से आते हैं और परिवार की आर्थिक मदद के लिए छुट्टियों के दौरान केदारनाथ में घोड़े-खच्चर चलाते हैं. अतुल के पिता का नाम ओम प्रकाश लाल और माता का नाम संगीता देवी है. वह अपने 4 भाई-बहनों में दूसरे नंबर की संतान हैं. उनकी स्कूलिंग रुद्रप्रयाग से ही हुई है और बचपन से ही वह पढ़ाई-लिखाई में बेहद मेधावी रहे हैं.

इस यूनिवर्सिटी से कर रहे हैं बीएससी की पढ़ाई
अतुल को 6 से 12 तक भी उन्हें सभी कक्षाओं में टॉप पोजीशन मिली. उन्हें 10वीं की बोर्ड परीक्षा में 94.8% और 12वीं की बोर्ड परीक्षा में 92.8% मार्क्स मिले थे. अपनी स्कूलिंग खत्म करने के बाद उन्होंने श्रीनगर गढ़वाल के हेमवती नंदन बहुगुणा केंद्रीय विश्वविद्यालय में बीएससी कोर्स में दाखिला लिया. अपने आखिरी सेमेस्टर में उन्होंने आईआईटी जैम की परीक्षा दी और अब इस परीक्षा को क्रैक कर आईआईटी मद्रास के लिए सिलेक्ट हो चुके हैं.

IIT मद्रास में इस कोर्स में लेंगे दाखिला
आईआईटी जैम के लिए अतुल कुमार किसी कोचिंग इंस्टीट्यूट में नहीं गए बल्कि उन्हें सेल्फ स्टडी के दम पर घर बैठे इस परीक्षा का तैयारी की. इस परीक्षा में उन्हें 649वीं रैंक हासिल हुई है. उनका चयन आईआईटी मद्रास के लिए हुआ है और वह अब यहां से गणित में एमएससी करेंगे. अतुल कुमार की कहानी यह दिखाती है कि आप किसी भी पृष्ठभूमि से आते हों अगर आपमें मेहनत करने की क्षमता है तो आप मुश्किल से मुश्किल मंजिल को हासिल कर सकते हैं. आज वह अपने जैसे लाखों स्टूडेंट्स के लिए प्रेरणास्रोत बने हुए हैं.

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