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नेत्रहीन बेटे की आंखें बनकर मां ने क्रैक करा दी UPSC, इस IAS की कहानी जानकर भर आएगा दिल

UPSC Success Story in Hindi: नवादा, बिहार के रवि राज ने कमाल कर दिखाया है। उन्होंने UPSC सिविल सेवा परीक्षा में 182वीं रैंक हासिल की है। रवि की यह सफलता इसलिए भी खास है क्योंकि वे देख नहीं सकते और उन्होंने जिस तरह अपनी मां के साथ मिलकर सिविल सर्विस की तैयारी की वह अपने आप में मिसाल है।

यूपीएससी परीक्षा में सफल होने की कहानियां या सक्सेस स्टोरी अक्सर इंटरनेट पर वायरल होती रहती हैं। इस साल भी हाल ही में यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा का रिजल्ट जारी हुआ है और कई स्टूडेंट्स उनकी शानदार सफलता को लेकर चर्चा में आ गए हैं लेकिन ऐसी यूपीएससी आईएएस सक्सेस स्टोरीज में से एक कुछ ऐसी होती हैं जो वाकई सोचने पर मजबूर कर देती हैं। ऐसी कहानियां किसी को भी उत्साह से भर सकती हैं, ऐसी ही कहानी है पिछले साल यूपीएससी का एग्जाम क्रैक करने वाले बिहार के रवि राज की, जिनकी मां ने उन्हें यूपीएससी की सीढ़ियां चढ़ते हुए हर कदम पर सहारा दिया और मां बेटे दोनों ने मिलकर यूपीएससी एग्जाम को क्रैक कर दिया।

बिहार के नवादा के एक युवा उम्मीदवार रवि राज ने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में 182वीं रैंक हासिल करके असाधारण उपलब्धि हासिल की है। यह सफलता इसलिए बहुत खास हो जाती है कि रवि दृष्टिहीन दिव्यांग हैं यानी वो देख नहीं सकते। इस चुनौती के बावजूद उन्होंने सफलता हासिल की है।

रवि की सफलता का सफर उनके बेजोड़ समर्पण और उनकी मां विभा सिन्हा के अटूट सपोर्ट की कहानी है, जो उनकी आंखें और उनकी राइटर बन गईं। हर दिन, वह स्टडी मटीरियल को जोर से पढ़तीं और रवि उन्हें सुनते थे और फिर उनके बोले गए उत्तरों को मां प्रैक्टिस कराने के दौरान लिखती भी थीं, यह दोनों काम मां-बेटे की तैयारी के अभिन्न अंग थे। शारीरिक और इमोशनल चुनौतियों के बावजूद, दोनों ने कभी हार नहीं मानी।

मां-बेटे की अनूठी पढ़ाई की दिनचर्या में खुद किताबें पढ़कर सुनाने के अलावा विभा खाना बनाते समय रवि के लिए YouTube लेक्चर चलाती थीं और बाद में उनके उत्तरों को लिखने और रिकॉर्ड करने में उनकी मदद करती थीं। रोजाना 10 घंटे की पढ़ाई, दृढ़ निश्चय और अपने अटूट बंधन के साथ, रवि और उनकी मां ने चुनौतियों को जीत में बदल दिया।

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