स्टेशन मास्टर के बेटे श्रेयांस गोम्स ने ऑनलाइन पढ़ाई कर क्रैक की UPSC, तीसरी बार में मिली सफलता

कर्नाटक के 26 साल के श्रेयांस गोम्स ने यूपीएससी सिविल सेवा 2024 परीक्षा में 372वीं रैंक हासिल की है. उनकी इस सफलता से उनके परिवार के साथ-साथ पूरा इलाका खुशी से झूम उठा है. खास बात यह है कि श्रेयांस ने यूपीएससी की तैयारी के लिए बिना किसी पारंपरिक कोचिंग के सिर्फ ऑनलाइन पढ़ाई करके यह मुकाम हासिल किया है. आगे विस्तार से पढ़ें उनकी सफलता की कहानी
बेंगलुरु के आरवी कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग से की है इंजीनियरिंग
कर्नाटक के उडुपी के उत्तर कन्नड़ जिले के मुरुदेश्वर से ताल्लुक रखने वाले श्रेयांस ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा स्थानीय स्तर पर पूरी की. इसके बाद उन्होंने मूडबिद्री के अल्वा कॉलेज में प्री-यूनिवर्सिटी की पढ़ाई की. बाद में उन्होंने बेंगलुरु के आरवी कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग से इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की. उनके पिता कोंकण रेलवे में स्टेशन मास्टर हैं और उनकी मां गृहिणी हैं. उनका छोटा भाई श्रेयिथ फिलहाल मणिपाल में पढ़ाई कर रहा है.
.यूपीएससी में दो बार फेल होकर नहीं मानी हार
इंजीनियरिंग की पढ़ाई के दौरान श्रेयांस की प्रशासन और देश सेवा में दिलचस्पी पैदा हुई. उन्होंने यूपीएससी परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी. अपने पहले प्रयास में उन्होंने प्रीलिम्स परीक्षा तो पास कर ली लेकिन मुख्य परीक्षा में असफल रहे. इसके बाद उन्होंने दोबारा परीक्षा दी लेकिन इस बार पर प्रीलिम्स पास करने में नाकामयाब रहे. हालांकि दो असफलताओं के बाद भी वह अपनी मंजिल से डिगे नहीं और तीसरे अटेम्प्ट में प्रीलिम्स, मेन्स और इंटरव्यू तीनों पास कर लिया.
ऑनलाइन और डिजिटल प्लेटफॉर्म से की यूपीएससी की पूरी तैयारी
श्रेयांस ने पूरी तरह से ऑनलाइन और डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से तैयारी की. उनकी सफलता दर्शाती है कि डिजिटल युग में, आत्म-प्रेरणा और सही संसाधनों के साथ कोई भी महत्वपूर्ण लक्ष्य हासिल किया जा सकता है. किसी भी पृष्ठभूमि से उम्मीदवार यूपीएससी परीक्षा में सफल हो सकते हैं, अगर वे आत्म-प्रेरित हों और कड़ी मेहनत करने के लिए तैयार हों. दृढ़ता और धैर्य सफलता की कुंजी हैं.
सिर्फ कर्नाटक नहीं बल्कि देश के युवाओं के लिए भी बने प्रेरणास्रोत
श्रेयांस ने इस बात पर जोर दिया कि कड़ी मेहनत के साथ-साथ स्मार्ट स्टडी भी जरूरी है. नतीजों की चिंता नहीं करनी चाहिए बल्कि पूरी लगन से तैयारी करनी चाहिए, नतीजे खुद-ब-खुद मिल जाएंगे. दृढ़ता और निरंतर प्रयास ही सफलता की राह पर सबसे शक्तिशाली हथियार हैं. श्रेयांस गोम्स की कहानी न केवल कर्नाटक के युवाओं के लिए बल्कि पूरे देश के छात्रों के लिए प्रेरणा है.