पाकिस्तान सीमा से बस इतनी दूरी पर है चिनाब ब्रिज, हमलों से बचने के लिए है इसमें खास इंतजाम

Chenab Rail Bridge: पीएम मोदी आज जम्मू कश्मीर में बने विश्व के सबसे ऊंचे चिनाब ब्रिज का उद्घाटन कर दिया हैं. इसके पहले पीएम ने पुल का निरीक्षण किया और अब उद्घाटन कर दिया है. जिसके बाद आज से कटरा से संगलदान के बीच 63 किमी. के रेलवे रूट पर आम लोगों के लिए रेलवे सेवाएं शुरू हो जाएंगी. यह चिनाब नदी से 359 मीटर की ऊंचाई पर स्थित दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे आर्च ब्रिज है. इसको इस तरीके से डिजाइन किया गया है कि यह हवा और भूकंप सबकुछ झेल सकता है. इसके जरिए जम्मू और श्रीनगर के बीच कनेक्टिविटी अच्छी हो जाएगी. क्या आप जानते हैं कि पाकिस्तान बॉर्डर से इस ब्रिज की कितनी दूरी है. चलिए बताते हैं.
चिनाब ब्रिज और पाकिस्तान बॉर्डर की दूरी
चिनाब ब्रिज कश्मीर के अखनूर इलाके में स्थित है. इस जगह पर चिनाब ब्रिज का बनना भारत के लिए सामरिक तौर पर बहुत अहम है, क्योंकि इसके जरिए भारत की पकड़ कश्मीर पर ज्यादा मजबूत हो जाएगी. अगर कभी भारत औप पाकिस्तान के बीच जंग होती है तो ऐसी परिस्थिति में भारत, पाकिस्तान पर भारी पड़ेगा. यह एलओसी यानि लाइन ऑफ कंट्रोल से सिर्फ 64 किमी.दूरी पर है. एलओसी से ही भारत पाकिस्तान बॉर्डर लगता है. इस पुल की वजह है सेना के पास रसद आसानी से पहुंच सकेगी. इससे घाटी में विकास होगा और यह हर मौसम में देश से जुड़ा रहेगा. इसीलिए पाकिस्तान और चीन परेशान हो रहे हैं.
हमले से बचने में कितना सक्षम
जिस जगह पर यह पुल बना है, वो पूरा इलाका खतरनाक भूकंपीय जोन 5 में आता है. इस चिनाब ब्रिज को इस तरीके से बनाया गया है ति अगर 8 मैग्नीट्यूड का भी भूकंप आता है तो इस पुल को कोई नुकसान नहीं होगा. इसमें हर तरफ घूमने वाले सीसीटीवी कैमरे लगे, जिससे साल भर 24 घंटे निगरानी होती है. बम धमाके भी इस पुल का बाल बांका नहीं कर सकते हैं. इसमें एंटी-कोरोजन टेक्निक, बेहद खास स्टेनलेस स्टील, पॉलीसिलॉक्सेन पेंट और फाइबर रिइंफोर्सड प्लास्टिक का इस्तेमाल किया गया है. इससे यह लंबे वक्त तक टिकाऊ रहेगा. DRDO की मदद से इस ब्रिज को ब्लास्ट लोड के लिए भी डिजाइन किया गया है. यानि कि अगर 40 किलोग्राम या इससे ज्यादा विस्फोट होने पर भी इस पुल पर कोई असर नहीं होगा
पाकिस्तान के लिए गले की फांस
इस ब्रिज के बन जाने से पाकिस्तान के गले में फांस अटकी हुई है, क्योंकि यह पीओके से ज्यादा दूर नहीं है, जहां पर पाकिस्तान और चीन मिलकर चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा यानि CPEC चला रहे हैं. चिनाब ब्रिज के बन जाने से कश्मीर में भारत की मजबूत मौजूदगी हो चुकी है, इस वजह से पीओके के प्रोजेक्ट्स पर असर पड़ेगा. इसके जरिए कश्मीर में कनेक्टिविटी अच्छी बनेगी, जिससे की आतंकवाद की नकेल कसने में मदद मिलेगी और यही सब पाकिस्तान के लिए चिंता का विषय है.
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