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MP News: हाईकोर्ट ने प्रमोशन में आरक्षण पर क्यों लगाई रोक, जानिए पूरा मामला

MP High Court: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने कोर्ट ने प्रमोशन में आरक्षण पर फिलहाल रोक लगा दी है.सोमवार को पदोन्नति को नए नियमों को लेकर एमपी हाईकोर्ट में सुनवाई हुई थी, जहां कोर्ट ने कहा कि जब पहले ही यह मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है तो फिर इसमें नए नियम क्यों जोड़े गए, वहीं यह भी पूछा गया कि पुराने नियम जो 2002 में बने थे और नए नियम जो 2025 में बने हैं दोनों में अंतर क्या है, बताया जा रहा है कि स्पष्ट जवाब नहीं आने पर कोर्ट ने प्रमोशन में आरक्षण पर फिलहाल रोक लगा दी है.

15 जुलाई को होगी सुनवाई
मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के द्वारा एक सप्ताह के भीतर सरकार को जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया गया है और इस मामले की अगली सुनवाई 15 जुलाई को होने वाली है। 9 साल बाद बनी नई प्रमोशन पॉलिसी को जून 2025 में मोहन सरकार ने लागू किया था जिसमें आरक्षण का प्रावधान जोड़ा गया था। लेकिन संघ के द्वारा इस नई नीति को हाई कोर्ट में चुनौती दिया गया।

याचिकाकर्ता सूयस मोहन गुरु ने कहा कि प्रमोशन में आरक्षण देने के नियम का कोई भी औचित्य नहीं है। यह नई नीति संविधान के खिलाफ है इसलिए इसे लागू नहीं किया जा सकता।

2016 से मध्य प्रदेश में प्रमोशन पर लगी है रोक
अभी से 9 साल पहले साल 2016 से मध्य प्रदेश में प्रमोशन पर रोक लगी है। प्रमोशन में आरक्षण देने का मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है। अभी तक कई कर्मचारी रिटायर्ड हो चुके हैं लेकिन उनका प्रमोशन नहीं हो पाया और एक बार फिर से कर्मचारियों के सामने विकट स्थिति खड़ी हो गई है क्योंकि हाई कोर्ट नें प्रमोशन में आरक्षण को रोकने का आदेश जारी किया है।

सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के बावजूद भी कैसे बन गई नई नीति : MP HC
मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने सरकार से सवाल पूछा कि सुप्रीम कोर्ट के द्वारा इस पर स्टे लगाने के बावजूद भी आपने नई नीति कैसे बना लिया। वहीं सरकार के वकील ने कहा कि लंबे समय से प्रमोशन नहीं होने की वजह से कई पद खाली पड़े हैं और कई कर्मचारियों को प्रमोशन नहीं मिला है लेकिन हाई कोर्ट ने इस दलील को मानने से इनकार कर दिया।

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