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Kodrma : भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने पर डॉक्टर पर मुकदमा दर्ज, निष्पक्ष जांच की मांग

कोडरमा : कोडरमा जिले में कार्यरत एमबीबीएस चिकित्सक डॉ. कुमार सौरभ ने उपायुक्त मेघा भारद्वाज पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने के कारण उन्हें झूठे मुकदमे में फंसाया जा रहा है। डॉ. सौरभ के खिलाफ कोडरमा थाना कांड संख्या-34/2025 के तहत धारा 132, 152, 356(2)(3)/3(5) भारतीय दंड संहिता में मामला दर्ज किया गया है। इस मुकदमे के सूचक मनोज कुमार रवि, कार्यपालक दंडाधिकारी, कोडरमा हैं, जो उपायुक्त के अधीनस्थ सरकारी पदाधिकारी हैं।

डॉ. सौरभ का आरोप : भ्रष्टाचार उजागर करने पर फंसाया गया

डॉ. सौरभ ने पुलिस उपमहानिरीक्षक (डीआईजी) उत्तरी छोटानागपुर प्रमंडल, हजारीबाग और महानिदेशक एवं पुलिस महानिरीक्षक, झारखंड सरकार को पत्र लिखकर निष्पक्ष जांच की मांग की है। उन्होंने कहा कि वह पिछले तीन वर्षों से कोडरमा में चिकित्सा सेवा दे रहे हैं और जिले में हो रहे भ्रष्टाचार का लगातार विरोध कर रहे थे। उनके अनुसार, उन्होंने लिखित, मौखिक और सोशल मीडिया के माध्यम से सरकारी पदाधिकारियों की गड़बड़ियों को उजागर किया, जिससे प्रशासन में हड़कंप मच गया।डॉ. सौरभ के अनुसार, जैसे ही उन्होंने उपायुक्त मेघा भारद्वाज के खिलाफ भ्रष्टाचार के प्रमाण साझा करने शुरू किए, उन पर दबाव बनाया गया और उन्हें धमकियां दी गईं। जब उन्होंने पीछे हटने से इनकार कर दिया, तो उन्हें झूठे मामले में फंसा दिया गया।

“मुझे धमकियां मिल रही हैं, क्लिनिक बंद करने को मजबूर”

डॉ. सौरभ ने यह भी आरोप लगाया कि कुछ लोग उन्हें धमकी दे रहे हैं कि अगर वह अपने क्लिनिक में बैठते हैं, तो बिना किसी नोटिस के उन्हें गिरफ्तार करवा दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस डर से वह अपना क्लिनिक बंद करने को मजबूर हैं, जिससे उनके मरीजों को काफी परेशानी हो रही है।

संविधान प्रदत्त अधिकारों का हनन हो रहा है

डॉ. सौरभ ने अपने पत्र में यह भी लिखा कि संविधान के अनुच्छेद 19 के तहत उन्हें अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता प्राप्त है, लेकिन उपायुक्त अपने पद और शक्ति का दुरुपयोग करके उनकी आवाज दबाने का प्रयास कर रही हैं। उन्होंने पुलिस प्रशासन से इस मामले की निष्पक्ष जांच करने और उन्हें न्याय दिलाने की मांग की है।

डॉ. सौरभ की मांग: निष्पक्ष जांच हो, अन्याय के खिलाफ कार्रवाई हो

उन्होंने महानिदेशक एवं पुलिस महानिरीक्षक, झारखंड सरकार से मामले की उच्च स्तरीय और निष्पक्ष जांच करवाने की अपील की है। उन्होंने यह भी कहा कि वह जांच में पूरा सहयोग देने को तैयार हैं, लेकिन प्रशासनिक दबाव में उनके खिलाफ अनुचित कार्रवाई नहीं होनी चाहिए।

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