
SDM Jyoti Rani Success Story: आज की सक्सेस स्टोरी में एक ऐसी महिला की कहानी, जिन्होंने परिवार के मुश्किल हालातों से गुजरकर भी सफलता हासिल की। इनका नाम है ज्योति रानी, जो बिहार की रहने वाली हैं। उनके पिता एक पिकअप ड्राइवर हैं और उनकी मां एक आंगनवाड़ी कार्यकर्ता हैं। ज्योति रानी मूल रूप से बिहार के पूर्वी चंपारण जिले के रक्सौल ब्लॉक की रहने वाली हैं। उनका पैतृक घर बिहार-नेपाल सीमा के पास जोकियारी पंचायत के चिकानी गांव में है। यहां जानिए ज्योति रानी के SDM बनने की कहानी।
IIT में नहीं मिल पाई सफलता
बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) की परीक्षा पास की और सीनियर डिप्टी कलेक्टर (SDC) यानी SDM बन गई हैं।
डिंपल ज्योति रानी एक साधारण परिवार से हैं। उनकी आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी। उन्होंने पटना से 12वीं तक की पढ़ाई पूरी की। इसके बाद उन्होंने IIT की तैयारी के लिए एक साल का ब्रेक लिया। लेकिन, उन्हें सफलता नहीं मिली।
कोविड में छूटी 6 लाख रुपये पैकेज वाली नौकरी
आईआईटी में सफल ना हो पाने के बाद ज्योति ने जयपुर से इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन में B.Tech किया। उन्हें एक प्राइवेट नौकरी मिली, जिसमें उन्हें सालाना 6 लाख रुपये का पैकेज मिलता था। लेकिन, उन्होंने COVID लॉकडाउन के दौरान यह नौकरी छोड़ दी।
महंगी कोचिंग के बजाय यूट्यूब को बनाया टीचर
ज्योति रानी ने BPSC की परीक्षा बिना किसी कोचिंग के पास की। यह परीक्षा ज्यादा कॉम्पटीशन की वजह से काफी कठिन मानी जाती है। तैयारी के सफर में YouTube डिंपल ज्योति रानी का टीचर था। वे यूट्यूब पर ही वीडियो देखकर पढ़ाई करती थीं।
रिजल्ट देखकर बहुत रोए मैं और मेरे पिता
ज्योति ने बताया कि रिजल्ट आने के बाद वह और उनके पिता बहुत रोए थे। उन्होंने 67वीं BPSC में 256वीं रैंक हासिल की। उनकी पहली पोस्टिंग पश्चिम चंपारण में हुई थी।
ज्योति कहती हैं, ‘बीपीएससी रिजल्ट आने के बाद मैं और मेरे पिता बहुत रोए थे।’ इस बात से पता चलता है कि ज्योति और उनके परिवार के लिए यह सफलता कितनी महत्वपूर्ण थी।
लगन और मेहनत का जज्बा
ज्योति रानी की सफलता की कहानी दिखाती है कि अगर आप में मेहनत और लगन का जज्बा है, तो आप कोई भी मुश्किल पार कर सकते हैं। उन्होंने साबित किया कि परिस्थितियां चाहे जैसी भी हों, व्यक्ति ठान लें तो सफलता आपके कदम चूमती है।