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मेरठ हत्याकांड में सरकारी वकील दे दीजिए, मां-बाप नहीं लड़ेंगे मेरा केस; मुस्कान ने जेलर से लगाई गुहार

नई दिल्ली
दिल दहला देने वाले हत्याकांड के बाद आरोपी साहिल शुक्ला और मुस्कान रस्तोगी के दिन अब जेल में कट रहे हैं। बताया गया कि जेल में भी वे नशे के लिए तड़पते रहे। वे खाना भी नहीं खा रहे हैं। वहीं जेल प्रशासन ने नशा छुड़वाने के लिए दवाइयों और काउंसलिंग का सहारा लिया है। सीनियर जेल सुपरिंटेंडेंट वीरेश राज शर्मा ने बताया कि उन्हें अलग-अलग बैरक में रखा गया है। उन्होंने कहा कि मुस्कान का परिवार केस लड़ने को तैयार नहीं है ऐसे में सरकारी वकील के लिए न्यायालय को पत्र लिखा गया है।

उन्होंने बताया, तीन दिन पहले मुस्कान और साहिल को जेल में लाया गया था।आते ही वे कहने लगे कि उन्हें पास की बैरक में रखा जाए। हालांकि साफ तौर पर बता दिया गया था कि जेल में जो व्यवस्था है उसके मुताबिक पुरुष और महिला बैरक का कोई कॉन्टैक्ट नहीं होता है। ऐसे में दोनों को अलग-अलग रखा गया है। जब भी कोई बंदी आता है तो उसका स्वास्थ्य परीक्षण करवाया जाता है। पाया गया कि वे नशे के आदी हैं। कारागर मे नशा नहीं मिल सकता। उन्हें दवाई दी जा रही है। नशा मुक्ति केंद्र के माध्यम से उनकी काउंसलिंग हो रही है और योग, मेडिटेशन में लगाया जा रहा है।

उन्होंने कहा, हमारा प्रयास है कि आम कैदी उनसे दूर रहें और बार-बार उनके केस के बारे में ना पूछें। उन्होंने बताया, मुस्कान ने मिलने की इच्छा जाहिर की थी। मैंने उसे बुलाया तो उसने कहा कि घर वाले उससे नाराज हैं। वे केस नहीं लड़ेंगे। ऐसे में उसे सरकारी वकील दिलाया जाए। इसको लेकर एक पत्र न्यायालय को भेजा जा रहा है। कैदी का अधिकार है कि उसे वकील मिले और इसके लिए कार्यवाही की जा रही है।

उन्होंने कहा, उन लोगों को जेल का सिस्टम पता नहीं था। महिला और पुरुष के बैरक आधा किलोमीटर दूर हैं। उन्हें समझा दिया गया तो वे मान गए। उन्होंने कहा, वे ड्रग्स की डिमांड तो नहीं कर रहे थे। हालांकि डॉक्टरों ने जानकारी दी कि वे नशा करते हैं। जो लोग ज्यादा समय से नशा ले रहे होते हैं उन्हें दवाई दी जाती है। धीरे-धीरे उनमें सुधार हो रहा है। 10 से 15 दिन में उनकी नशे की आदत छूट जाएगी। उन्होंने कहा कि साहिल ने अभी सरकारी वकील को लेकर कोई निर्णय नहीं लिया है। उनका कहा था कि घर वाले केस लड़ेंगे और अगर नहीं लड़ेंगे तो बताया जाएगा।

जेल की सुरक्षा को लेकर उन्होंने कहा, न्यायालय की प्रक्रिया और हाई प्रोफाइल केस के बारे में ज्यादा कुछ तो नहीं कहा जा सकता लेकिन सीसीटीवी, जेलरों ओर मैं खुद सुरक्षा का पूरा ध्यान रख रहे हैं। आम कैदियों से कहा गया है कि केस के बारे में उन्हें बार-बार याद ना दिलवाएं। वे अन्य कैदियों के साथ हैं लेकिन ज्यादा बातचीत ना करने के निर्देश दिया गया है।

बता दें कि मुस्कान के माता-पिता ने पहले ही कहा था कि सौरभ अच्छा पति था लेकिन उनकी बेटी ही गलत थी। सौरभ मर्चेंट नेवी में अधिकारी थे। पिछले दो साल से वह लंदन में थे। रिपोर्ट्स के मुताबिक लंदन से वापस आने के बाद उन्हें मुस्कान और साहिल के अफेयर के बारे में पता चल गया था। इसके बाद मुस्कान और साहिल ने मिलकर उनकी हत्या का प्लान बना डाला। मुस्कान ने सौरभ की हत्या कर शव के टुकड़े ड्रम में छिपा दिए और खुद साहिल के साथ घूमने शिमला चली गई। लगभग 13 दिन बाद पता चला कि ड्रम में सौरभ की लाश है। इसके बाद मुस्कान और साहिल को गिरफ्तार किया गया है।

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