
रिपोर्ट- अमित कुमार
धनबाद:भारत का मजदूर वर्ग 9 जुलाई को एक दिवसीय राष्ट्रव्यापी हड़ताल पर है। इस हड़ताल का आह्वान 10 केंद्रीय ट्रेड यूनियनों और अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों में लाखों श्रमिकों का प्रतिनिधित्व करने वाले स्वतंत्र अखिल भारतीय संघों द्वारा किया गया है। संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने इस औद्योगिक कार्रवाई को समर्थन का फैसला कर मजदूर आंदोलन के साथ एकजुटता दिखाई है।आज की एकदिवसीय हड़ताल में धनबाद जिले में एलआईसी की सभी शाखाओं में सम्पूर्ण हड़ताल रही। रणधीर वर्मा चौक पर हेमंत मिश्रा के नेतृत्व में प्रदर्शन किया गया एवं उपस्थित वक्ताओं ने इस संदर्भ में अपने संबोधन दिए। सरकार की जनविरोधी नीतियां, विशेष रूप से सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों के निजीकरण का आक्रमण और मेहनतकश लोगों के कड़ी मेहनत से अर्जित अधिकारों पर हमलों के जरिये श्रमिक कानूनों को नियोक्तापरक बनाने और सार्वजनिक सम्पदाओं को चहेते पूंजीसखाओं के हाथ में लूटने की बनाई विनाशकारी अर्थव्यवस्था के विरोध में यह हड़ताल है।
इस अवसर पर मंडल कार्यालय परिसर में प्रात: सभी कर्मी एकत्रित हुए। अपना सन्देश देते हुए आईईएएचडी के मंडलीय सांगठनिक सचिव अमित कुमार ने कहा कि आप अवगत हैं कि सार्वजनिक क्षेत्र की बीमा उद्योग पर हमले में कोई कमी नहीं आई है ,सरकार संसद के आप आगामी मानसून सत्र में बीमा कानून संशोधन विधेयक पेश करने पर आमदा है। विधायक का ढांचा वित्तीय सेवा विभाग के नवंबर 2024 के प्रस्ताव पर आधारित है ।इसमें तीन कानून बीमा अधिनियम 1938 ,जीवन बीमा निगम अधिनियम 1956 और बीमा विनियम विनियामक और विकास प्राधिकरण अधिनियम 1999 में संशोधन लाने का प्रस्ताव है। इन प्रस्ताव में सार्वजनिक क्षेत्र के बीमा उद्योग को राष्ट्रीयकरण से पहले के दिनों में वापस ले जाने की क्षमता है ।
उन्होंने कहा कि एलआईसी के आईपीओ और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के निजीकरण के खिलाफ हमारा संघर्ष तब तक जारी रहेगा जब तक सरकार इसके शेयरों को बेचने के बीमाधारक विरोधी निर्णय का परित्याग नहीं कर देती। इस अवसर पर संघ के साथी राकेश कुमार ने कहा कि आज हमारी मुख्य समस्या बेतहाशा महंगाई , प्रचंड बेरोजगारी , गरीबी –भूखमरी , शिक्षा और स्वास्थ्य की गंभीर समस्या को और विकराल करता सरकार की इन क्षेत्रों में निजीकरण की नीतियों को लागू करना , किसानों की बदहाली और देश की परिसंपत्तियों का अत्यधिक केन्द्रीयकरण किया जाना है। पर यह सरकार सांप्रदायिक उन्माद और नफरत फैला कर इन मूल मुद्दों से देश के आम लोगों का ध्यान भटका कर अपनी तमाम जन विरोधी नीतियों को लागू करने के अभियान पर अग्रसर है. सरकार की ये तमाम नीतियाँ संविधान की मूल प्रस्तावना के विपरीत हैं क्योंकि ये लोक कल्याणकारी की चरित्र से हट कर अपने कुछ प्रिय चंद कोर्पोरेट घरानों के मुनाफाखोरी के हित साधन हेतु लाये जा रहे हैं।इसी कड़ी का एक कदम है एलआईसी का विनेविशीकरण एवं बीमा उद्योग में 100% एफडीआई की नीति ।हम इसके विरोध में देश के तमाम ट्रेड के कर्मियों के प्रति अपनी एकजुटता प्रदर्शित करते हुए इस हड़ताल में शामिल हैं। आज की सभा को बासु बहादुर, शुभम राज, नीशेष सिन्हा, प्रशांत सिन्हा,एवं पंकज कुमार ने भी संबोधित किया।