ऑपरेशन सिंदूर: 10 मई की आधी रात को पाकिस्तान में क्या-क्या हुआ, पाकिस्तान गुहार लगाने पहुंच गया अमेरिका, जानें यहां

ऑपरेशन सिंदूर पर नई रिपोर्ट ने पूरी दुनिया में तहलका मचा दिया है. इस बीच पाकिस्तान की टेंशन भी बढ़ गई है. ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय मिसाइलों के अचूक प्रहार और भारतीय डिफेंस सिस्टम की ताकत ने पाकिस्तान में ऐसी तबाही मचाई कि वो बहुत जल्द घुटनों पर आ गया. चीन का एयर डिफेंस भी भारत के जवाबी हमलों से पाकिस्तान की रक्षा नहीं कर सका. भारत की ब्रह्मोस मिसाइल की मार से पाकिस्तान अभी तक घबराया हुआ है. आखिर 10 मई की आधी रात को भारत ने ऐसा क्या किया था कि पाकिस्तान अमेरिका से गुहार लगाने लगा.
ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान की सारी हेकड़ी हवा में ही निकाल दी और उसका अब तक का सबसे बड़ा नुकसान किया. भारत की ब्रह्मोस मिसाइलों ने पाकिस्तान में 315 किलोमीटर अंदर जाकर उसके सिर्फ आतंकी ठिकानों को ही ध्वस्त नहीं किया. बल्कि पाकिस्तान के लड़ाकू विमानों को भी मार गिराया.
10 मई की रात जवाबी हमले के दौरान भारत की मिसाइलों ने पाकिस्तानी लड़ाकू विमानों और सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया. भारतीय वायुसेना के अधिकारियों के हवाले से एक रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय वायुसेना के जवाबी हमलों में पाकिस्तान के दो F-16 लड़ाकू विमान, एक C-130J एयरक्राफ्ट , एक JF-17 फाइटर और अवाक्स एयरक्राफ्ट मार गिराए गए थे.
पाक के अफसरों ने भारतीय हमलों से हुआ नुकसान
पाकिस्तान भी ये बात मान चुका है कि उसके लड़ाकू विमानों को भारतीय मिसाइलों ने मार गिराया था. भारत की मिसाइलों ने कैसे पाकिस्तान के लड़ाकू विमानों को तबाह किया था. इसका प्रमाण कुछ दिन पहले पाकिस्तान के बड़े सैन्य अफसरों ने भी दिया था.
सूत्रों के मुताबिक 10 मई की रात भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान पर चार बड़े हवाई हमले किए थे. इंडियन एयरफोर्स ने पाकिस्तान के एयर बेस, लड़ाकू विमान और एयर डिफेंस सिस्टम को तबाह कर दिया था. उसके बाद ही पाकिस्तान अमेरिका से सीजफायर कराने की गुहार लगाने लगा.
भारतीय वायुसेना अधिकारियों के हवाले से एक रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय वायुसेना के लड़ाकू विमानों ने पाकिस्तान पर सटीक निशाना लगाने वाली मिसाइलें दागीं थीं. राफेल लड़ाकू विमानों से स्कैल्प मिसाइलें दागी गईं तो वहीं SU-30 MKI लड़ाकू विमानों से ब्रह्मोस मिसाइलों से भी पाकिस्तान के अंदर प्रहार किया गया.
चीन और तुर्की भी रहा बेअसर
ऑपरेशन सिंदूर के दौरान चीन और तुर्किए के हथियार भी पाकिस्तान के काम नही आए. ना तो तुर्किए के ड्रोन पाकिस्तान के लिए सहारा बन पाए. ना ही चीन की मिसाइलों से पाकिस्तान को कोई फायदा पहुंचा. यहां तक कि चीन के HQ-16 और HQ-9 मिसाइल डिफेंस सिस्टम भी ऑपरेशन सिंदूर के दौरान फेल हो गए.
भारत के जवाबी हमलों को रोकने में पाकिस्तान को चीन से मिले एयर डिफेंस भी फेल हो गए थे. जब चीन का एयर डिफेंस सिस्टम फेल हुआ तो भारत के एक्शन से डरकर पाकिस्तान अब तुर्किए से एयर डिफेंस सिस्टम खरीदने की तैयारी कर रहा है. रिपोर्ट्स के अनुसार पाकिस्तान की नजर अब तुर्किए की लंबी दूरी के एयर डिफेंस सिस्टम SIPER-1 और SIPER-2 पर है. दावा है कि तुर्किए का SIPER-1 सत्तर किमी की दूरी पर हवाई लक्ष्यों को भेद सकता है.
SIPER-1 एयर डिफेंस पहले से ऑपरेशनल है. वहीं, SIPER- 2 अभी परीक्षण के दौर में है. 2026 तक इसके तुर्किए वायु सेना में शामिल होने की उम्मीद है.
नए एयर डिफेंस सिस्टम की तलाश में पाक
पाकिस्तान की नए एयर डिफेंस सिस्टम की तलाश से जाहिर है कि वो भारत के हमलों के बाद से बहुत डरा हुआ है. ऑपरेशन सिंदूर के दौरान स्कैल्प क्रूज मिसाइलों से लैस भारतीय वायु सेना के राफेल जेट विमानों ने चीन से पाकिस्तान को मिले HQ-16 और HQ-9 सिस्टम को फेल कर दिया था. भारतीय इलेक्ट्रॉनिक युद्ध क्षमता ने पाकिस्तान के वायु रक्षा नेटवर्क को बिल्कुल अंधा कर दिया. ऐसे में पाकिस्तान भारत की एक भी मिसाइल को रोकने में नाकाम रहा था.
दूसरी तरफ एक रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान की लंबी दूरी की मिसाइलों के खिलाफ s-400 सौ फीसदी कामयाब साबित हुआ. एस-400 ने पाकिस्तान के कई क्रूज मिसाइलों और विनाशकारी ड्रोन को मार गिराया था.
ब्रह्मोस मिसाइल का दुनिया ने लोहा माना
10 मई को भारत ने SU-30 MKI लड़ाकू विमानों से ब्रह्मोस मिसाइलें दागकर पाकिस्तान के रावलपिंडी के पास स्थित नूर खान एयरबेस पर प्रहार किया था. यह एयरबेस पाकिस्तान का महत्वपूर्ण कमांड-एंड-कंट्रोल सेंटर है. ब्रह्मोस की कामयाबी के बाद अब भारत ने इसकी क्षमता को बढ़ाने का प्लान बनाया है. इससे पाकिस्तान की नींद उड़ गई है.
दरअसल, भारत और रूस मिलकर ब्रह्मोस मिसाइल का नया वर्जन बनाने की योजना बना रहे हैं. उत्तर प्रदेश में 300 करोड़ रुपये की लागत से बना ब्रह्मोस का नया कारखाना इस मिसाइल के नए वर्जन को बड़ी संख्या में बनाएगा. 11 मई को लखनऊ में ब्रह्मोस एयरोस्पेस यूनिट का उद्घाटन भी हुआ था.
आज पाकिस्तान में ऐसा कोई सिस्टम नहीं है जो एक बार लॉन्च होने के बाद ब्रह्मोस मिसाइल को रोक सके. यही वजह है कि पाकिस्तान बहुत जल्द घुटनों पर आ गया.