
अखिल भारतीय तीर्थपुरोहित महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने झारखंड के मुख्यमंत्री को लिखा पत्र.
देवघर : अखिल भारतीय तीर्थपुरोहित महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामकृष्ण तिवारी ने झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्र लिखकर बाबा वैद्यनाथ मंदिर कार्यालय को भ्रष्टाचार से मुक्त करने की मांग की है। राष्ट्रीय अध्यक्ष का कहना है कि मंदिर में वीआईपी दर्शन के नाम पर वहां के कर्मचारी की देख-रेख में प्रतिदिन हजारों रुपए की लूट हो रही है। मंदिर कार्यालय के ऊपरी तल पर तीर्थ यात्रियों को बुलाकर संकल्प कराकर ऊपर से ही घुसपैठ कराया जा रहा है। वे यात्री विभिन्न पंडो के होते हैं। आखिर मंदिर के वेतनभागी कर्मचारी क्यों पूजा कराएंगे और क्यों दक्षिणा लेंगे। ऐसा देश के किसी मंदिर में नहीं है।
आम तीर्थ पुरोहित भुखमरी के कगार पर पहुंच गए हैं
वीआईपी के नाम पर नित्य-प्रतिदिन सैकड़ों तीर्थ यात्रियों को राशि लेकर प्रशासनिक भवन के ऊपरी तल के गेट तथा फील पाया के गेट से प्रवेश कराया जाता है, जिससे आम तीर्थ पुरोहित भुखमरी के कगार पर पहुंच गए हैं। ज्ञात हो कि पंडा समाज के पास भी नित्य प्रतिदिन सैकड़ो वीआईपी तीर्थ यात्री आते हैं, जिन्हें आम पंडा सुविधा प्रदान नहीं कर पाते हैं और सामान्य पंक्ति अथवा शीघ्र दर्शनम पंक्ति में यात्रियों की क्या दुर्दशा होती है, यह शब्दों में बयां नहीं की जा सकती है। मंदिर कर्मी पर विभिन्न व्यक्तियों, यात्रियों, पुरोहितों द्वारा समय-समय पर लगाए गए आरोपों तथा बाबा बैद्यनाथ मंदिर कोष से विभिन्न कार्यों हेतु नियमविरुद्ध भुगतान एवं अनुदान की अविलंब जांच हो।
उच्च स्तरीय जांच की मांग
बैद्यनाथ मंदिर में सरदार पंडा (महंथ) को वर्ष 2019 में श्राइन बोर्ड की बैठक में मंदिर की आंतरिक व्यवस्था संचालन की जिम्मेदारी देने का निर्णय लिया गया था, लेकिन 6 साल बीत जाने के बाद भी इस पर किसी प्रकार का प्रशासन के स्तर से कोई कार्रवाई नहीं हुई। इस आशय का पत्र पूर्व में भी मुख्यमंत्री झारखंड सरकार सह अध्यक्ष बाबा बैद्यनाथधाम बासुकीनाथधाम तीर्थ क्षेत्र विकास प्राधिकार (श्राइन बोर्ड) को दिया जा चुका है। इसलिए मुख्यमंत्री से आग्रह है कि बाबा बैद्यनाथ मंदिर में सरदार पंडा (महंथ) को जल्द से जल्द मंदिर की आंतरिक व्यवस्था संचालन के लिए अपने स्तर से आवश्यक प्रयास करने की कृपा की जाए। साथ ही वैद्यनाथ मंदिर में व्याप्त कुव्यवस्था और करोड़ों रूपए के घोटाला पर उच्च स्तरीय जांच कराई जाए। अगर सरदार पंडा को उनको अपना हक-अधिकार और मंदिर आंतरिक व्यवस्था संचालन का नहीं मिलता है तो अखिल भारतीय तीर्थ पुरोहित महासभा द्वारा पूरे भारतवर्ष में विरोध प्रदर्शन करेगी।