
डॉ संतोष मानव
सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश (CJI) इस बार कांग्रेस कुनबे से होंगे! ऐसा न्यायाधीश, जिनका पूरा परिवार कांग्रेस का नेता था या है, तो क्या कांग्रेस जनों को इस बात पर प्रसन्न नहीं होना चाहिए? क्या वे प्रसन्न हैं, या हो रहे हैं?
13 मई को चीफ जस्टिस संजीव खन्ना रिटायर हो जाएंगे। 14 मई को मुख्य न्यायाधीश की शपथ लेंगे भूषण रामकृष्ण गवई. वे बौद्ध धर्मावलंबी हैं और सुप्रीम कोर्ट के दूसरे मुख्य न्यायाधीश होंगे, जो दलित समाज से आते हैं। इनके पहले केजी बालाकृष्णन दलित समाज से आने वाले मुख्य न्यायाधीश थे। उनका कार्यकाल 2007 से 2010 तक था। बालकृष्णन की तरह गवई लगभग तीन साल CJI नहीं रह पाएंगे। वे इसी साल 23 नवंबर को लगभग छह माह की सेवा के बाद रिटायर हो जाएंगे।
भूषण रामकृष्ण गवई महाराष्ट्र के अमरावती जिले से हैं। नागपुर विश्वविद्यालय से BA, LLB हैं। मुंबई हाईकोर्ट से वकालत की शुरुआत की थी। वहीं न्यायाधीश बनें और नागपुर हाईकोर्ट होते हुए सुप्रीम कोर्ट पहुंचे।
भूषण गवई मीडिया प्रिय न्यायाधीश हैं। मीडिया को सहूलियत देने और उनसे बेहतर रिश्ता रखने वाले न्यायाधीश। नागपुर में हाईकोर्ट देखने वाले संवाददाताओं से उनका याराना था। वे संवाददाताओं का ख्याल रखते थे कि खबर जुटाने में उन्हें सहूलियत रहे, कि हाईकोर्ट में उनके लिखने -पढ़ने की जगह हो।
रामकृष्ण सूर्यभान गवई, भूषण गवई के पिता थे। संक्षेप में रासु गवई। वे कांग्रेस के बड़े नेता थे। वे सांसद रहे। बिहार – केरल के राज्यपाल रहे। हालांकि बाद में कांग्रेस से अलग होकर उन्होंने अपनी पार्टी बना ली थी। अभी भूषण गवई के भाई राजेंद्र गवई कांग्रेस पार्टी से जुड़े हुए हैं।
अब आते हैं असल मुद्दे पर। भूषण गवई को लेकर कांग्रेस पार्टी को खुश तो कतई नहीं होना चाहिए। इसलिए कि इनका न्यायिक कैरियर बेदाग है। ये वही जस्टिस हैं, जिन्होंने राहुल गांधी मानहानि केस में सुनवाई से पूर्व भरे कोर्ट में कहा था कि उनके पिता कांग्रेस के नेता थे। उनका भाई कांग्रेस में सक्रिय है। अगर किसी को कोई आपत्ति हो, तो वे इस मामले से हट जाएंगे। इस पर दोनों पक्षों के वकीलों ने कहा था कि उन्हें पूर्ण विश्वास है, सुनवाई करें।
जस्टिस भूषण गवई ने नोटबंदी को जायज ठहराया था, तो धारा 370 की समाप्ति को भी सही ठहराया था। लेकिन, इलेक्टोरल बांड और बुल्डोजर जस्टिस को ग़लत बताने वाले भी भूषण गवई ही हैं। मानहानि मामले में राहुल गांधी को दोष मुक्त करने वाले भी भूषण गवई ही हैं।
इसलिए मानकर चलना चाहिए कि पारिवारिक पृष्ठभूमि का उनके जजमेंट पर प्रभाव नहीं पड़ेगा और उनका मुख्य न्यायाधीश का कार्यकाल भी पहले की तरह बेदाग ही रहेगा।
(लेखक समाज और राजनीति पर पैनी नजर रखते हैं/लिखते हैं)