
चुनाव आयोग ने बिहार के वोटर्स को बड़ी राहत देते हुए कहा कि अब वे कागजात के बिना भी गणना प्रपत्र जमा करा सकते हैं. निर्वाचक निबंधन पदाधिकारी की ओर से स्थानीय जांच या अन्य साक्ष्य के आधार पर फैसला लिया जाएगा. अगर वोटर्स आवश्यक दस्तावेज जमा करते हैं तो उन्हें आसानी होगी.
बिना फोटो के ही फॉर्म जमा करा सकेंगे
अब अगर किसी वोटर के पास लेटेस्ट फोटो भी उपलब्ध नहीं है तो वह बगैर फोटो के भी गणना प्रपत्र भरकर जमा कराया जा सकता है. इसके अलावा साल 2003 की वोटर लिस्ट में जिनका नाम दर्ज नहीं है उन्हें जन्मतिथि और जन्मस्थान से संबंधित दस्तावेज देने होंगे.
बिना दस्तावेज के भी गणना फॉर्म जमा कराने वाले वोटर्स का नाम भी वोटर लिस्ट के ड्रॉफ्ट रोल में शामिल कर लिया जाएगा. 26 जुलाई तक ऑनलाइन या ऑफलाइन के जरिए ये गणना फॉर्म हर हाल में वोटर्स को बीएलओ के पास जमा कराना होगा. इसके बाद ही उनका नाम वोटर लिस्ट डॉफ्ट में शामिल किया जाएगा.
7.96 करोड़ में से 1 करोड़ फॉर्म वापस
इस बीच बिहार में वोटर लिस्ट के एसआईआर अभियान ने गति पकड़ ली है. करीब 94 फीसदी से अधिक SIR फॉर्म वोटर्स के बीच बांट दिए गए हैं और 13 फीसदी से अधिक फॉर्म उनसे वापस एकत्र भी किए गए हैं. चुनाव आयोग ने कल बताया कि वोटर्स के द्वारा भरे गए या सत्यापित किए गए 1.04 करोड़ या 13.19 फीसदी गणना फॉर्म जमा करा दिए गए हैं.
अगले कुछ महीनों में बिहार में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं और यहां पर 7.96 करोड़ रजिस्टर्ड वोटर्स हैं और करीब 94 फीसदी फॉर्म बांट दिए गए हैं. आयोग के अनुसार, शनिवार शाम शाम छह बजे तक 1,04,16,545 गणना फॉर्म मिल गए हैं, जो 24 जून 2025 तक बिहार के कुल रजिस्टर्ड 7,89,69,844 (लगभग 7.9 करोड़) वोटर्स का 13.19 प्रतिशत है.
यही नहीं अलग-अलग राजनीतिक दलों की ओर से नियुक्त 1.55 लाख बूथ लेवल एजेंट (बीएलए) भी एसआईआर प्रक्रिया में सक्रिय सहयोग प्रदान कर रहे हैं. यहां पर हर बीएलए रोजाना 50 प्रमाणित फॉर्म ही जमा कर सकता है.