धीरेंद्र शास्त्री ने कहा गजवा-ए-हिंद नहीं भगवा-ए-हिन्द चाहिए, भारत हिंदू राष्ट्र बनकर रहेगा- रामभद्राचार्य

बिहार की राजधानी पटना में सनातन महाकुंभ का आयोजन किया गया, जिसमें देशभर के प्रख्यात संत, महात्मा, जगद्गुरु और महामंडलेश्वर शामिल हुए। इस आयोजन में बागेश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री भी शामिल हुए। धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि हमारा एक ही सपना है, वह है भगवा-ए-हिंद! कई ताकतें गजवा-ए-हिंद बनाना चाहती हैं। हमारे धर्म पर घात हुआ तो प्रतिघात करूंगा।
क्या बोले धीरेंद्र शास्त्री?
उन्होंने कहा कि मैं किसी धर्म का विरोधी नहीं हूं, मुसलमानों और ईसाइयों से कोई दिक्कत नहीं है, मैं किसी एक पार्टी का नहीं हूं। हम न झुकेंगे, न हार मानेंगे। यहां उन्होंने यह भी कहा कि भारत हिंदू राष्ट्र बनकर रहेगा। उन्होंने कहा कि जाति से ऊपर उठकर राष्ट्रवाद के लिए जीना। भाषा के नाम पर खुद को बंटने मत देना। मैं हिंदू हूं और हिंदुत्व की बात करूंगा।
स्वामी रामभद्राचार्य ने कहा- पिछली सरकार ने नहीं दी कथा की अनुमति
वहीं स्वामी रामभद्राचार्य ने कहा कि जब आज की सरकार नहीं थी, तब मेरी रामकथा के लिए इजाजत नहीं दी गई थी। तब मैंने कहा था कि जब यह सरकार जाएगी, तभी मैं यहां आऊंगा। आज वह सरकार नहीं है, तभी आज आया हूं। उन्होंने कहा कि अगले निर्वाचन के बाद मैं इसी गांधी मैदान में नौ दिन की कथा करने आऊंगा। उन्होंने कहा कि रामधारी सिंह दिनकर ने कहा था, “अब रण बड़ा भीषण होगा।” अब संघर्ष करना है। लोग परशुराम जी को ब्राह्मणवादी कहते हैं लेकिन वे ब्राह्मणवादी नहीं थे, आतंक का दमन करने के लिए उनका अवतरण हुआ था।
स्वामी रामभद्राचार्य ने बताया, भारत कब बनेगा हिंदू राष्ट्र?
उन्होंने यह भी कहा कि मैं जाति के आधार पर जनगणना के पक्ष में नहीं था। यह दुर्भाग्य है कि एक तरफ जाति की बात न करने की बात करते हैं और दूसरी तरफ जातीय जनगणना की बात करते हैं। हमारे यहां सभी एक हैं। जातियों में तो नेताओं ने बांटा है। जब भारत में 80 प्रतिशत हिंदुओं की संख्या होगी, तभी हिंदू राष्ट्र बनेगा। इसके लिए अपने से छूटे हुए लोगों को जोड़ना होगा। तीन संतानें पैदा करनी होंगी। हमें हिंदुओं की संख्या बढ़ानी है। जब पाकिस्तान मुस्लिम राष्ट्र हो सकता है, अमेरिका ईसाई राष्ट्र हो सकता है तो हिंदुस्तान हिंदू राष्ट्र क्यों नहीं हो सकता?
मीडिया से बात करते हुए बाबा बागेश्वर ने बड़ा बयान दिया। बाबा बागेश्वर ने कहा कि बिहार का कर्ज मैं कभी नहीं उतार सकता, क्योंकि मेरे दिव्य दरबार में 12 लाख लोग शामिल हुए थे। वह जगह बिहार का पाली मठ था, इसीलिए मैं बिहार के लोगों का कर्ज कभी नहीं उतार सकता। बिहार ने हमें शिक्षा दी है। उन्होंने कहा कि माता सीता को बिहार ने दिया, बिहार ने नीति दी है, इसीलिए मैं बिहार का कर्ज कभी नहीं उतार सकता। उन्होंने कहा कि हिंदू धर्म खतरे में तो नहीं है, लेकिन जो कुठाराघात हो रहा है, हमला हो रहा है, हम सॉफ्ट टारगेट जरूर हैं।