
आरा से जितेंद्र कुमार की रिपोर्ट
आरा : त्याग और बलिदान के त्योहार ईद-उल-अजहा (बकरीद) के मौके पर जिला मुख्यालय समेत ग्रामीण इलाकों की मस्जिदों में नमाज अदा की गई। लोगों ने नमाज अदा करते हुए अमन चैन की दुआ मांगी। नमाज के बाद लोगों ने एक दूसरे से गले मिलकर बकरीद की बधाई दी। इस मौके पर आरा शहर के मस्जिदों के आसपास सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे। बकरीद के मौके पर शनिवार को आरा में बड़ी मस्जिद समेत छोटे बड़े मस्जिदों में बकरीद नमाज अदा की गई, इस दौरान शांति व्यवस्था कायम रखने के लिए प्रशासन पूरी तरह चौकस रहा। पर्व को लेकर मुस्लिम बहुल बस्तियों में काफी चहल पहल थी। अकीदतमंद सुबह से ही बकरीद की तैयारियों में जुट हुए थे। बकरीद की नमाज अदा करने के लिये जिले के विभिन्न ईदगाहों व मस्जिदों में लोगों की काफी भीड़ लगी हुई थी। नमाज से पहले इमामों ने ईद-उल-अजहा के बारे में लोगों को काफी तफसील से जानकारी दी। बताया कि बकरीद बलिदान और समर्पण का त्योहार है। यह समाज में मेल-मिलाप के साथ आपसी भाईचारे को बढ़ाने का पैगाम देता है। नमाज खत्म होने के बाद इमाम सहित तमाम नमाजियों ने सामूहिक रूप से अपने मुल्क की खुशहाली व अमन-शांति कायम रखने की अल्लाह तआला से दुआएं मांगी।
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