
Islamic Wedding Tradition Nikah al Mutah: भारत में शादी को जन्म जन्मांतर का बंधन माना जाता है, वहीं पश्चिमी देशों में कुछ सालों के विवाह के बाद तलाक आम है. लेकिन कुछ ऐसे देश भी हैं, जहां शादी होती है महज कुछ दिनों के लिए, यानी पहले से तय होता है कि 10-15 दिनों के लिए मियां-बीवी साथ रहेंगे और फिर रास्ते अलग. ऐसी ही चौंकाने वाली परंपरा इस्लामिक देश इंडोनेशिया है, जो दुनिया में मुस्लिमों की सबसे बड़ी आबादी वाला देश भी है. यहां रईसजादों और मालदार विदेशी टूरिस्ट को लुभाने के लिए प्लेजर मैरिज का चलन जोरों पर है.इसे इस्लामिक भाषा में मुताह निकाह या निकाह अल मुताह भी कहते हैं.
मौज मस्ती के लिए शादी?
निकाह मुताह में अच्छी खासी मोटी रकम के बदले दो-चार या 10-15 दिनों के लिए शादी की जाती है. कोई भी अजनबी शख्स किसी सुंदर लड़की को पसंद करता है, उसे अपने साथ रखता है और पति-पत्नी के बीच रिश्ते बनाता है. इसमें लड़की और उसके परिवार को भी पता होता है कि ये शादी क्यों और किस लिए हो रही है,लेकिन पैसे के लिए सब तैयार होते हैं. इसलिए इसे प्लेजर मैरिज यानी शारीरिक सुख के लिए शादी का भी नाम दिया गया है.
मुताह अल निकाह क्यों और कैसे
मुताह अल निकाह की वैवाहिक परंपरा इंडोनेशिया के कई प्रांतों में प्रचलित है. विशेषकर शिया मुस्लिमों में ये जोर पकड़ रही है. इसमें लड़की और लड़का रजामंदी से निकाह कर पांच से पंद्रह दिनों तक साथ रहते हैं. फिर अजनबी की तरह अलग हो जाते हैं. इसमें कोई कानूनी विवाद नहीं होता. अरब मुल्कों में यह परंपरा उन मर्दों के लिए शुरू हुई थी, जो दूसरे देशों में लंबे वक्त तक रहने जाते हैं.
गरीब लड़कियां इस जाल में
इराक-ईरान से लेकर इंडोनेशिया तक प्लेजर मैरिज का खूब प्रचलन है. गरीब परिवार आसानी से मोटी रकम के बदले अपनी लड़कियों की ऐसी शादी के लिए तैयार हो जाते हैं. ये बड़े कारोबार में बदल गया है. इसमें दोनों परिवारों के साथ दलालों की भी बड़ी भूमिका रहती है. इन देशों में कुछ वक्त बिताने आए विदेशी पर्यटक यहां 15-20 दिनों के लिए शादी कर फिर वापस लौट जाते हैं.
टूरिस्टों की मौज मस्ती के लिए शादी
ये निकाह करने वाले ज्यादा खाड़ी देशों के ही पर्यटक होते हैं, जो कुछ वक्त के लिए इन देशों में जाते हैं. एजेंट उन्हें सुंदर खूबसूरत लड़कियों और उनके परिवार से मिलवाते हैं और फिर कुछ दिन की शादी हो जाती है.दोनों तय वक्त पति-पत्नी की तरह रहते हैं. उन्हें 350 से 500 डॉलर की रकम मिलती है, एजेंट का कमीशन भी अलग. LA की एक रिपोर्ट में बताया गया था कि इंडोनेशिया की लड़की ने 27-28 की उम्र तक 15 बार ऐसा निकाह किया. पहली बार तो सिर्फ 13 साल की उम्र में उसके परिजनों ने उसे जबरन इस काम में धकेल दिया.
प्लेजर मैरिज के पैकेज भी आम
गरीब परिवारों का कहना है कि महीने भर हाड़तोड़ मेहनत के बावजूद वो 50 डॉलर भी नहीं कमा पाते हैं, जबकि ऐसे शादी से 10 गुना तक रकम मिलती है. इन गरीब मुल्कों में होटल-रिसॉर्ट से लेकर गेस्ट हाउस में ऐसे प्लेजर मैरिज के पैकेज खुलेआम उपलब्ध होते हैं. इससे टूरिस्ट को लुभाया जाता है.
मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने उठाए सवाल
मानवाधिकार कार्यकर्ताओं का कहना है कि इस्लामिक रवायतों के नाम पर ऐसी शादियां महिलाओं के यौन शोषण से ज्यादा कुछ नहीं है. अय्याशी के लिए गरीब लड़कियों को शिकार बनाया जाता है.सरकारें भी इन मामलों में चुप्पी साधे हुए हैं. टूरिस्ट इंडस्ट्री इसकी आड़ में कमाई करती है. भोले-भाले परिवार एक बार इस चंगुल में फंसने के बाद नहीं निकल पाते.