
Men Marry Four Times In Which Country of World: अब अगर हम उन देशों की बात करें जहां एक से अधिक विवाह को पूरी तरह से कानूनी मान्यता प्राप्त है, तो दुनिया में कई ऐसे देश हैं जहां बहुविवाह एक आम सामाजिक व्यवस्था है. ऐसे कुछ देशों में यह परंपरा के रूप में कायम है, तो कहीं धार्मिक कानूनों की वजह से यह प्रथा मान्य है.
1. नाइजीरिया
नाइजीरिया में बहुविवाह काफी आम है. यहां के कई समुदायों में इसे सामाजिक रूप से स्वीकार किया जाता है. शरिया कानून के अंतर्गत यहां पुरुष एक से अधिक विवाह कर सकते हैं. हालांकि, सिविल मैरिज के अंतर्गत ऐसी शादियों को वह दर्जा नहीं मिलता, लेकिन फिर भी समाज में यह प्रथा जीवित है.
2. ईरान
ईरान में एक पुरुष को चार तक पत्नियां रखने की अनुमति है. हालांकि, इसके लिए उसे कोर्ट की अनुमति लेनी होती है और कुछ शर्तें भी पूरी करनी होती हैं. यहां महिलाओं के अधिकार सीमित हैं, और बहुविवाह को धार्मिक रूप से स्वीकृति प्राप्त है.
3. अल्जीरिया
हाल ही में अल्जीरिया में पारिवारिक कानून में संशोधन किया गया, जिससे बहुविवाह थोड़ा कठिन हो गया है. अब भी वहां की लगभग 3% जनसंख्या इस परंपरा को मानती है और चार शादियां करना कानूनी रूप से संभव है.
4. पाकिस्तान
पाकिस्तान में भी शरिया कानून प्रभावी है. यहां पुरुष चार तक शादियां कर सकते हैं, लेकिन इसके लिए पहली पत्नी की अनुमति अनिवार्य है. 1961 का फैमिली लॉ इस प्रक्रिया को नियमित करता है.
5. कतर
कतर में भी शरिया कानून लागू है और बहुविवाह यहां अवैध नहीं है. लेकिन अब कतर की महिलाएं जागरूक हो रही हैं और कई बार शादी के अनुबंध में इस पर पाबंदी लगाने की शर्त शामिल करती हैं.
6. चैड
यह एक ऐसा देश है जहां सिर्फ मुस्लिम ही नहीं बल्कि ईसाई समुदाय भी बहुविवाह को मान्यता देता है. यहां करीब एक-तिहाई विवाहित महिलाएं बहुविवाह की समर्थक हैं. समाज इसे स्वीकार करता है और यह कानूनी रूप से मान्य है.
7. संयुक्त अरब अमीरात (UAE)
UAE में बहुविवाह एक स्थापित परंपरा है और इसे कई बार सामाजिक प्रतिष्ठा का प्रतीक भी माना जाता है. खासतौर पर शाही परिवारों में यह काफी आम है.
8. कैमरून
कैमरून में एक पुरुष जितनी चाहे उतनी शादियां कर सकता है. यहां इसके लिए कोई कानूनी सीमा नहीं है. यहां यह एक सामाजिक प्रतिष्ठा का विषय माना जाता है और स्थानीय प्रथाओं के अनुसार यह पूरी तरह वैध है.
9. अफगानिस्तान
अफगानिस्तान में भी एक पुरुष को चार तक पत्नियां रखने की छूट है. इसे सामाजिक या कानूनी तौर पर गलत नहीं माना जाता, बल्कि यह यहां की परंपरा का हिस्सा है.
इन सभी उदाहरणों से यह स्पष्ट होता है कि दुनिया के अलग-अलग देशों में बहुविवाह को लेकर अलग-अलग नियम और सामाजिक दृष्टिकोण हैं. जहां भारत जैसे देश में इसे कानूनन अपराध माना जाता है, वहीं कई देशों में यह आज भी कानूनी और सामाजिक रूप से स्वीकार्य है. यह विषय महिला अधिकारों, सामाजिक न्याय और धर्मनिरपेक्षता जैसे मुद्दों से जुड़ा हुआ है और इस पर वैश्विक स्तर पर लगातार चर्चा होती रही है.