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MP Politics: कौन से पांच कारणों से हेमंत खंडेलवाल को बीजेपी ने चुना अध्यक्ष, जानें यहां

भोपाल: भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने मध्य प्रदेश में अपने नए प्रदेश अध्यक्ष के नाम की घोषणा कर दी है। वीडी शर्मा के बाद प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी हेमंत खंडेलवाल को दी गई है। हेमंत खंडेलवाल के नाम की पहले से ही अटकलें लगाई जा रही थी हालांकि इसके साथ कई बड़े नाम भी शामिल थे। लेकिन सभी बड़े नामों को दरकिनार कर बीजेपी ने हेमंत खंडेलवाल पर भरोसा जताया था। बैतूल से विधायक हेमंत खंडेलवाल को पार्टी ने निर्विरोध प्रदेश अध्यक्ष चुन लिया है। आइए जानते हैं कौन से पांच कारण हैं जिस कारण से उन्हें यह जिम्मेदारी दी गई है।

कई नेताओं का था नाम
प्रदेश अध्यक्ष की रेस में हेमंत खंडेलवाल के साथ-साथ केंद्रीय मंत्री दुर्गादास उईके, नरोत्तम मिश्रा, कैलाश विजयवर्गीय, कविता पाटीदार समेत कई बड़े नेता रेस में शामिल थे। हालांकि इन में से सबसे आगे नाम नरोत्तम मिश्रा का बताया जा रहा था लेकिन नरोत्तम मिश्रा के हाथ मायूसी लगी।

निर्विवाद छवि
हेमंत खंडेलवाल लंबे समय से राजनीति में सक्रिय हैं। पिता की मौत के बाद वह राजनीति में आए थे। उनकी सबसे बड़ी खासियत यह निर्विवाद छवि का होना है। कहा जा रहा है कि उनके नाम पर सीनियर नेता इसलिए भी तैयार हुए क्योंकि वह विवादों से दूर केवल अपने काम पर ही फोकस करते हैं।

संगठन का पुराना अनुभव
हेमंत खंडेलवाल के पास संगठन में काम करने का पुराना अनुभव रहा है। वह बैतूल में पार्टी के जिला अध्यक्ष भी रह चुके हैं। इसके साथ ही वह पार्टी के कोषाध्यक्ष पद भी रह चुके हैं। उन्हें संगठन में काम करने का लंबे समय से अनुभव है। लो प्रोफाइल नेता होने के कारण वह केवल अपने काम पर फोकस करते हैं। मीडिया या किसी भी तरह की अनर्गल बयानबाजी से दूर रहते हैं।

क्षेत्रीय और जातिगत समीकरण साधने की कोशिश
हेमंत खंडेलवाल मध्य प्रदेश के बैतूल क्षेत्र से आते हैं। मौजूदा समय में सीएम मोहन यादव मालवा, डेप्युटी सीएम जगदीश देवड़ा भी मालवा, उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ला विंध्य क्षेत्र से आते हैं। महाकौशल और बुंदेलखंड क्षेत्र से सरकार में कई मंत्री शामिल हैं। इस इलाके को साधने के लिए बीजेपी ने हेमंत खंडेलवाल को बड़ी जिम्मेदारी दी है। मुख्यमंत्री ओबीसी वर्ग से आते हैं, जबकि खंडेलवाल सामान्य वर्ग से हैं, इससे जातीय संतुलन भी बना रहेगा है।

संगठन की पसंद
साल 2008 में पिता के निधन के बाद बीजेपी ने हेमंत खंडेलवाल को बैतूल से लोकसभा उपचुनाव में टिकट दिया था जहां उन्होंने जीत दर्ज की। हेमंत खंडेलवाल के चयन से बीजेपी ने न केवल एक अनुभवी और संगठन-प्रिय नेता को चुना है। हेमंत खंडेलवाल को संघ का भी करीबी माना जाता है। कहा जाता है कि उनके चयन के पीछे संघ की सहमति भी शामिल है। संघ में भी उनकी अच्छी पकड़ है।

सांसदों से निकलकर प्रदेश पर फोकस
लंबे समय से बीजेपी मध्य प्रदेश में लोकसभा या राज्यसभा से जुड़े किसी सांसद को ही अध्यक्ष बनाती रही है। ऐसे में इस बार बीजेपी ने हेमंत खंडेलवाल को अध्यक्ष बनाकरइस परंपरा में बदलाव किया है। बीजेपी ने विधायक के रूप में प्रदेश अध्यक्ष चुना है इससे प्रदेश के कार्यकर्ताओं का उत्साह बढ़ेगा इसके साथ ही विधानसभा में सीएम और प्रदेश अध्यक्ष दोनों के होने से पार्टी मजबूत होगी।

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