वतन प्रेम योजना: गुजरात के गांवों को नया स्वरूप दे रही है प्रवासी भारतीयों की भागीदारी

भारत में ग्रामीण विकास के लिए केंद्र और राज्य सरकारें कई योजनाएँ चला रही हैं। इसी कड़ी में गुजरात सरकार ने वतन प्रेम योजना की शुरुआत वर्ष 2021 में की थी। इस योजना का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में बेहतर बुनियादी सुविधाएँ उपलब्ध कराना है, जिसमें प्रवासी भारतीय (NRIs) भी सक्रिय रूप से योगदान दे रहे हैं।
पब्लिक-प्राइवेट भागीदारी से हो रहा विकास
यह योजना पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) मॉडल पर आधारित है। इसके तहत गुजराती मूल के अप्रवासी भारतीय अपने पैतृक गांवों में स्कूलों के नवीनीकरण, तालाबों के सौंदर्यीकरण, स्वास्थ्य और परिवहन जैसी सार्वजनिक सुविधाओं के लिए धनराशि दान कर सकते हैं। ग्रामीणों का कहना है कि इस योजना से गांवों की सूरत बदल रही है, खासकर शिक्षा और बुनियादी ढांचे के क्षेत्र में तेजी से प्रगति हो रही है।
गांवों के विकास की मिसाल
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एक गांव में प्रवासी भारतीयों ने 72 लाख रुपये दान किए, जिससे नया स्कूल खोला गया, जिसमें आज 400 छात्र पढ़ रहे हैं।
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दूसरे गांव में NRIs ने 9 करोड़ रुपये का चंदा दिया, जिससे तालाबों का विकास, आधुनिक बस स्टैंड, स्कूल और श्मशान की सुविधाओं को बेहतर बनाया गया। 12 हजार की आबादी वाले इस गांव में अब आधुनिक सुविधाओं का विस्तार हो चुका है।
योजना का उद्देश्य
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60% फंडिंग NRIs द्वारा और 40% फंडिंग गुजरात सरकार द्वारा की जाती है।
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ग्रामीण क्षेत्रों में उत्कृष्ट सार्वजनिक सुविधाएँ उपलब्ध कराना।
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अप्रवासी भारतीयों में देशप्रेम और राष्ट्रसेवा की भावना को बढ़ावा देना।
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गांवों को आत्मनिर्भर और आधुनिक बनाना।
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सरकार, दानदाता और नागरिकों के बीच मजबूत साझेदारी स्थापित करना।