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अध्यात्म

नए साल पर तिरुपति बालाजी मंदिर में खुलेगा वैकुंठ द्वार, भक्तों को ऐसे मिलेगा दर्शन का अवसर

आंध्र प्रदेश के तिरुमला की पहाड़ियों पर स्थित तिरुपति बालाजी का मंदिर यानी भगवान विष्णु के अवतार श्री वेंकटेश्वर स्वामी के वैकुंठ द्वार दर्शन को लेकर बड़ी खबर सामने आई है. दरअसल, वैकुंठ द्वार के दर्शन 30 दिसंबर से 8 जनवरी तक किए जाएंगे, यानी श्रद्धालु ये दर्शन 10 दिनों तक कर सकेंगे. इसके लिए बड़े स्तर पर तैयारियां की जा रही हैं और दिन में तीन स्लॉट में दर्शन होंगे, जिनकी एंट्री हर बार अलग रास्ते से की जाएगी.

इस बार भी बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के पहुंचने की संभावना जताई जा रही है. इसी को ध्यान में रखते हुए श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए जरूरी कदम उठाए गए हैं ताकि उन्हें किसी प्रकार की असुविधा, भीड़भाड़ या अव्यवस्था का सामना न करना पड़े. इसी के तहत तिरुमला तिरुपति देवस्थानम(टीटीडी) ने वैकुंठ द्वार दर्शन के पहले तीन दिनों में तीन क्षेत्रों से निर्धारित समय के लिए श्रद्धालुओं को प्रवेश देने का निर्णय लिया है. इसके लिए, ई-डीआईपी सिस्टम के माध्यम से 30 दिसंबर (एकादशी), 31 दिसंबर (द्वादशी) और 1 जनवरी के लिए कुल 1.76 लाख श्रद्धालुओं को अग्रिम रूप से निर्धारित सर्व दर्शन टिकट आवंटित किए गए हैं.

श्री वेंकटेश्वर स्वामीः 5 घंटे होंगे VIP दर्शन

बताया गया है कि जिन श्रद्धालुओं के पास निर्धारित दर्शन टोकन हैं, उन्हें वैकुंठ द्वार के पहले दिन के 5 घंटे के वीआईपी दर्शन को छोड़कर पूरे समय दर्शन करने की अनुमति होगी. इस संदर्भ में, यह बताया गया है कि प्रतिदिन 60,000 से अधिक श्रद्धालुओं को कुल 14 स्लॉट में टोकन जारी किए गए हैं और उनके लिए तीन क्षेत्रों में प्रवेश मार्ग स्थापित किए गए हैं.

टीटीडी ने कहा कि सुबह के स्लॉट में श्रद्धालुओं को कृष्णा तेजा सर्कल से, दोपहर के स्लॉट में श्रद्धालुओं को एटीजीएच से और रात के स्लॉट में श्रद्धालुओं को सिलातोरणम सर्कल से दर्शन करने की अनुमति होगी. टीटीडी ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि वैकुंठ द्वार दर्शन के संदर्भ में तीन दिनों तक बिना टोकन वाले श्रद्धालुओं को दर्शन करने की अनुमति नहीं होगी.

पुलिस ने जारी की श्रद्धालुओं के लिए गाइडलाइंस

    श्रद्धालु टीटीडी की ओर से निर्धारित समय सीमा के दौरान ही प्रवेश द्वारों पर पहुंचें.
    टोकन, आधार कार्ड-पहचान दस्तावेज साथ ले जाना अनिवार्य है.
    बताए गए प्रवेश मार्गों का ही पालन करें और रूट में कोई परिवर्तन नहीं करें.
    पुलिस और टीटीडी कर्मियों द्वारा दिए गए आदेशों और निर्देशों का पालन करें.
    श्रद्धालु ग्रुप में इकट्ठा न होकर शांति और सुरक्षा बनाए रखने में सहयोग करें.
    यदि श्रद्धालुओं को कोई संदिग्ध वस्तु या व्यक्ति दिखाई दे तो तुरंत निकटतम पुलिस को सूचित करें.

 

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