प्रदेश के 52 हजार किसानों के खेत अब लहलहाएंगे सोलर पंप से

भोपाल
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव द्वारा किसानों के हित में किये जा रहे अनेक कल्याणकारी कार्यों से प्रदेश में अन्न उत्पादन में लगातार वृद्धि हो रही है। किसानों को खेती के लिये खाद बीज की सहज उपलब्धता के साथ सिंचाई के संसाधन भी उपलब्ध कराये जा रहे है। इसी दिशा में एक कदम और आगे बढ़ाते हुए प्रदेश में 52 हजार किसानों के खेत में सोलर पंप स्थापित करने की योजना प्रारंभ की गई है। सोलर पंप स्थापित हो जाने से अब प्रदेश का किसान अन्नदाता के साथ ऊर्जादाता भी बनेगा।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव की इस अभिनव पहल के तहत 34 हजार 600 इकाइयों को लेटर ऑफ अवार्ड जारी कर 33 हजार कार्यदेश जारी किए जा चुके हैं। किसान के खेत में सोलर पम्प स्थापित होने से अब उन्हें विद्युत प्रदाय पर बिजली बिल का भुगतान नहीं करना पड़ेगा। बिजली बिल पर व्यय होने वाली यह राशि अब उनके पास बचत के रूप में रहेगी। इसके अतिरिक्त सोलर पम्प से उत्पादित अतिरिक्त ऊर्जा को किसान सरकार को बेच कर अतिरिक्त आय भी अर्जित कर सकेंगे। नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग द्वारा लगातार किसानों को सोलर प्रोजेक्ट लगाने के लिए विभिन्न योजनाओं में लाभ प्रदान कर सक्षम बनाया जा रहा है।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में प्रदेश में सौर ऊर्जा के क्षेत्र में निरंतर उल्लेखनीय कार्य किया जा रहा है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने किसानों के हित में एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए 52 हजार किसानों के खेतों में सोलर पम्प लगाने का अभिनव नवाचार किया है
प्रदेश में प्रधानमंत्री कुसुम (प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान) योजना के द्वारा किसानों के लिये ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित की जा रही है। केन्द्र सरकार की इस योजना को प्रदेश में "प्रधानमंत्री कृषक मित्र सूर्य योजना" के नाम से संचालित किया जा रहा है। इसमें (कुसुम-ब) कृषकों के यहां ऑफ ग्रिड सोलर पम्पों की स्थापना की जाती है। योजना में किसानों को 1 एच.पी. से 7.5 एच.पी. तक क्षमता के पम्प पर 90 प्रतिशत सब्सिडी (अनुदान) दिये जाने का प्रावधान किया गया है। इसमें सभी वर्ग को समान सब्सिडी (अनुदान) प्रदान की जाती है। योजनांतर्गत 1 से 7.5 हार्सपावर तक के सोलर पंप की बेंचमार्क लागत का 30 प्रतिशत अनुदान भारत सरकार द्वारा दिये जाने का प्रावधान है। सोलर पंप की वास्तविक लागत का लगभग 10 प्रतिशत कृषक अंशदान व लगभग 60 प्रतिशत हिस्सा कृषक ऋण राशि के रूप में लिया जाने का प्रावधान किया गया है, जिसका ब्याज सहित भुगतान राज्य सरकार द्वारा किया जाएगा।
सोलर पंप के द्वारा निर्मित ऊर्जा के दैनिक उपयोग के बाद उत्पादित अतिरिक्त ऊर्जा के वैकल्पिक उपयोग के लिये भी किसानों को विकल्प दिया जा रहा है। इसका उपयोग नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय, भारत सरकार के दिशा-निर्देश अनुसार किया जा सकेगा। समान क्षमता के यू.एस.पी.सी. युक्त पंपों पर बिना यू.एस.पी.सी. (सामान्य कन्ट्रोलर) के सोलर पंप पर देय अनुदान ही लागू होगा। स्थापित सोलर पम्पों के, 5 वर्ष तक रख-रखाव की जिम्मेदारी, संबंधित स्थापनाकर्ता इकाई की है। योजना की विस्तृत जानकारी निगम की वेबसाईट cmsolarpump.mp.gov.in पर उपलब्ध है।
योजना में मंदसौर, नीमच, बैतूल,भिंड, सागर, शाजापुर, जबलपुर, अशोकनगर, भोपाल एवं सीहोर जिलों में कृषकों के यहाँ सोलर पम्पों की स्थापना का कार्य प्रारम्भ किया जा चुका है।
प्रमुख बिन्दु
प्रदेश में प्रधानमंत्री कुसुम-बी (प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान) योजना के द्वारा किसानों के लिये की जा रही ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित।
प्रदेश में प्रधानमंत्री कुसुम-बी योजना "प्रधानमंत्री कृषक मित्र सूर्य योजना" के नाम से संचालित
किसानों को अन्नदाता के साथ ही ऊर्जा दाता बनाने की दिशा में कार्य जारी।
प्रदेश के 33 हजार किसान के खेतों में सोलर पंप स्थापना के लिए कार्यादेश जारी।
सोलर पंप स्थापना के लिए 34 हजार 600 लेटर ऑफ अवॉर्ड, इकाइयों को प्रदान किये गये।
52 हजार किसानों को योजना से लाभान्वित करने का लक्ष्य होगा पूर्ण।
किसानों को 1 एच.पी. से 7.5 एच.पी. तक क्षमता के पम्प पर 90 प्रतिशत सब्सिडी (अनुदान) दिये जाने का प्रावधान।
सभी वर्गों के लिये समान सब्सिडी (अनुदान) व्यवस्था।
योजना में 1 से 7.5 हॉर्स पॉवर तक के सोलर पंप की बेंचमार्क लागत का 30 प्रतिशत अनुदान भारत सरकार द्वारा।
सोलर पंप की वास्तविक लागत का लगभग 10 प्रतिशत कृषक अंशदान।
लगभग 60 प्रतिशत हिस्सा कृषक ऋण राशि के रूप में, जिसका ब्याज सहित भुगतान राज्य सरकार द्वारा।
योजना में मंदसौर, नीमच, बैतूल,भिंड, सागर, शाजापुर, जबलपुर, अशोकनगर, भोपाल एवं सीहोर जिलों में कृषकों के यहाँ सोलर पम्पों की स्थापना का कार्य प्रारम्भ।
जानकारी निगम की वेबसाईट cmsolarpump.mp.gov.in पर उपलब्ध।



