अयोध्या में राम मंदिर पर आतंकी हमले की साजिश, फरीदाबाद से संदिग्ध गिरफ्तार

गुजरात एंटी टेररिस्ट स्क्वाड (ATS) और फरीदाबाद स्पेशल टास्क फोर्स (STF) ने संयुक्त ऑपरेशन में आतंकी कनेक्शन के संदेह में एक युवक को गिरफ्तार किया है.गिरफ्तार आरोपी की पहचान अब्दुल रहमान (19) पुत्र अबूबकर के रूप में हुई है. वह उत्तर प्रदेश के फैजाबाद (अयोध्या) का निवासी है.
राम मंदिर की रेकी और हमले की साजिश
जांच में यह भी सामने आया है कि अब्दुल रहमान पहले भी कई बार अयोध्या के राम मंदिर की रेकी कर चुका था और उसने वहां की सुरक्षा व्यवस्था से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी ISI को साझा की थी. आतंकियों का मकसद राम मंदिर पर हैंड ग्रेनेड से हमला कर बड़े पैमाने पर तबाही मचाना था. इस ऑपरेशन को अंजाम देने में गुजरात ATS की भूमिका बेहद अहम रही. ATS को इनपुट मिला था कि एक संदिग्ध आतंकी भारत में सक्रिय है, जो आतंकी संगठन के निर्देश पर किसी बड़े हमले की तैयारी में जुटा हुआ है. इस जानकारी के आधार पर गुजरात ATS और फरीदाबाद STF ने जाल बिछाया और संदिग्ध को गिरफ्तार किया.
कैसे पकड़ा गया संदिग्ध?
जांच के अनुसार, फैजाबाद से ट्रेन पकड़कर अब्दुल रहमान पहले फरीदाबाद पहुंचा था, जहां उसे एक हैंडलर ने हैंड ग्रेनेड दिए. योजना थी कि वह वापस ट्रेन से अयोध्या पहुंचे और वहां हमला करे. लेकिन इससे पहले ही सुरक्षा एजेंसियों को इनपुट मिल गया और गुजरात ATS और फरीदाबाद STF ने संयुक्त कार्रवाई कर रविवार को अब्दुल रहमान को दबोच लिया.
पूछताछ में हो रहे अहम खुलासे
अब्दुल रहमान से फिलहाल हरियाणा पुलिस और केंद्रीय एजेंसियां गहन पूछताछ कर रही हैं. उसके मोबाइल और अन्य बरामद सामग्रियों की जांच की जा रही है ताकि उसके बाकी नेटवर्क का पता लगाया जा सके. सुरक्षा एजेंसियां अब यह भी खंगाल रही हैं कि इस साजिश में और कौन-कौन लोग शामिल थे और क्या कोई स्थानीय मददगार भी इसमें शामिल था.
ISI के ISKP मॉड्यूल से जुड़ा था अब्दुल रहमान
सुरक्षा एजेंसियों के सूत्रों के अनुसार, अब्दुल रहमान ISI के ISKP (इस्लामिक स्टेट खुरासान प्रोविंस) मॉड्यूल से जुड़ा हुआ था. माना जा रहा है कि इस मॉड्यूल में अब्दुल के अलावा और लोग भी शामिल हो सकते हैं, जिनकी तलाश की जा रही है. सेंट्रल एजेंसियों के सूत्रों ने बताया कि अब्दुल रहमान के पास से जो हैंड ग्रेनेड बरामद हुआ है, उसमें किसी कंपनी या देश का मार्का नहीं लगा हुआ था. इससे आशंका जताई जा रही है कि यह हथियार स्मगलिंग के जरिए अब्दुल तक पहुंचाया गया था. इसकी गहन जांच की जा रही है कि यह ग्रेनेड कहां से आया और इसमें कौन-कौन लोग शामिल थे.
कड़ी सुरक्षा और सतर्कता के आदेश
इस गिरफ्तारी के बाद अयोध्या समेत देशभर के संवेदनशील धार्मिक स्थलों की सुरक्षा और अधिक कड़ी कर दी गई है. सुरक्षा एजेंसियों ने यह भी साफ किया है कि आतंकियों के मंसूबों को किसी भी कीमत पर सफल नहीं होने दिया जाएगा और इस पूरे नेटवर्क का जल्द ही भंडाफोड़ किया जाएगा.