Supreme Court on Waqf Law: तीन प्रावधानों पर रोक, पूरे कानून पर नहीं

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को Waqf Law को लेकर अहम फैसला सुनाया। शीर्ष अदालत ने कानून के तीन विवादित प्रावधानों पर रोक लगाते हुए स्पष्ट किया कि पूरे कानून को निरस्त करने का कोई आधार नहीं है। कोर्ट ने कहा कि फिलहाल इन प्रावधानों को निलंबित रखा जाएगा, जब तक कि कानून की संवैधानिक वैधता पर अंतिम फैसला नहीं आ जाता।
तीन प्रावधानों पर रोक
सुप्रीम कोर्ट ने विशेष तौर पर उस प्रावधान को निलंबित किया जिसमें कलेक्टर को वक्फ संपत्ति विवादों पर अंतिम निर्णय का अधिकार दिया गया था। अदालत ने कहा कि ऐसे निजी अधिकारों का निपटारा केवल न्यायपालिका द्वारा ही होना चाहिए।
इसके अलावा, उस प्रावधान पर भी रोक लगाई गई जिसमें किसी संपत्ति को वक्फ घोषित करने के लिए पांच साल तक इस्लाम का पालन करने की अनिवार्यता थी। कोर्ट ने इसे धार्मिक स्वतंत्रता का उल्लंघन माना।
तीसरा प्रावधान, वक्फ काउंसिल और बोर्ड में गैर-मुस्लिम सदस्यों की संख्या से जुड़ा था। कोर्ट ने निर्देश दिया कि वक्फ परिषद में चार और वक्फ बोर्ड में तीन से अधिक गैर-मुस्लिम सदस्य नहीं होंगे।
पूरे कानून पर रोक नहीं
मुख्य न्यायाधीश की बेंच ने कहा कि Supreme Court on Waqf Law में यह फैसला केवल संवेदनशील धाराओं को लेकर है। पूरे कानून को असंवैधानिक मानने का कोई आधार नहीं मिला है। अदालत का यह कदम मुस्लिम समुदाय के अधिकारों और धार्मिक स्वतंत्रता की रक्षा के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण माना जा रहा है।