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सुप्रीम कोर्ट ने सोनम वांगचुक की पत्नी की याचिका पर केंद्र और लद्दाख प्रशासन को नोटिस जारी किया

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक की पत्नी गीतांजलि अंगमो की याचिका पर केंद्र, लद्दाख प्रशासन और जोधपुर जेल प्रशासन को नोटिस जारी किया। याचिका में वांगचुक की राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (एनएसए), 1980 के तहत हिरासत से तत्काल रिहाई की मांग की गई है। न्यायमूर्ति अरविंद कुमार और न्यायमूर्ति एनवी अंजारिया की पीठ ने मामले की अगली सुनवाई 14 अक्टूबर के लिए स्थगित की।

सोनम वांगचुक को 26 सितंबर को लद्दाख में हुए प्रदर्शन और पुलिस झड़प के दो दिन बाद एनएसए की धारा 3(2) के तहत हिरासत में लिया गया था। याचिका में आरोप लगाया गया है कि हिरासत आदेश उनके पति के संविधान के अनुच्छेद 14, 19, 21 और 22 के तहत मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करता है। अंगमो ने इसे “अवैध, मनमाना और असंवैधानिक” करार दिया।

याचिका में वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा कि हिरासत आदेश के आधार को वांगचुक और उनकी पत्नी को दिए जाने की आवश्यकता है। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने पीठ को बताया कि हिरासत के आधार पहले ही वांगचुक को दिए जा चुके हैं। हालांकि, अदालत ने उनकी पत्नी को आधार प्रदान करने की व्यवहार्यता पर विचार करने के लिए सहमति व्यक्त की।

अंगमो ने लद्दाख प्रशासन के फैसले पर सवाल उठाते हुए कहा कि नियमों का उल्लंघन करते हुए उन्हें हिरासत आदेश की प्रति नहीं दी गई और उन्हें अपने पति से कोई संपर्क नहीं मिला। याचिका में वांगचुक तक तत्काल पहुँच, उनके साथ व्यक्तिगत और टेलीफोनिक संपर्क की अनुमति, और हिरासत आदेश को चुनौती देने का आग्रह किया गया है।

सुप्रीम कोर्ट ने मामले में संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी करते हुए सुनिश्चित किया कि अगली सुनवाई में सभी पक्ष अपनी दलीलें रख सकेंगे।

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