Superstar’s IAS Son: फिल्मी दुनिया छोड़ चुनी देश सेवा, जानें सफलता की कहानी
Superstar's IAS Son: सुपरस्टार पिता के स्टारडम का असर अक्सर उनके बच्चों पर पड़ता है, लेकिन आज हम जिस स्टार किड के बारे में बात करने जा रहे हैं, उस पर इसका बिल्कुल भी असर नहीं पड़ा। इस स्टार किड ने अपने दूसरे प्रयास में यूपीएससी परीक्षा पास की, आईएएस अधिकारी बने और फिल्मी दुनिया से दूर अपनी जिंदगी जी रहे हैं।

Superstar’s IAS Son: फिल्म इंडस्ट्री में अक्सर देखा जाता है कि स्टारकिड्स अपने माता-पिता के नक्शे कदम पर चलते हुए एक्टिंग, डायरेक्शन या प्रोडक्शन जैसे क्षेत्रों में करियर बनाते हैं। ग्लैमर की इस दुनिया में खुद को स्थापित करने की कोशिश करना अब आम हो गया है। लेकिन कुछ ऐसे भी स्टारकिड्स होते हैं जिन्होंने इस चलन से हटकर एक अलग राह चुनी और अपने मेहनत और समर्पण से समाज में एक नई पहचान बनाई। आज हम बात कर रहे हैं ऐसे ही एक खास शख्स की, जिन्होंने सिल्वर स्क्रीन की चकाचौंध को छोड़ प्रशासनिक सेवा में नाम कमाया। ये हैं तमिल सिनेमा के मशहूर कॉमेडियन चिन्नी जयंत के बेटे श्रुतंजय नारायणन, जो आज एक सफल IAS अधिकारी हैं।
फिल्मी माहौल में पले-बढ़े, लेकिन चुना प्रशासन का रास्ता
चिन्नी जयंत (Superstar’s IAS Son), जिनका असली नाम कृष्णमूर्ति नारायणन है, 1980 के दशक में रजनीकांत की फिल्मों में अपनी शानदार कॉमिक टाइमिंग से दर्शकों को हंसाने वाले लोकप्रिय अभिनेता रहे हैं। उन्होंने तमिल फिल्म इंडस्ट्री में एक खास पहचान बनाई। उनके बेटे श्रुतंजय नारायणन भी फिल्मी माहौल में पले-बढ़े, लेकिन उन्होंने एक्टिंग की जगह शिक्षा और देश सेवा को तरजीह दी। जहां अधिकतर स्टारकिड्स एक्टिंग या डायरेक्शन का रुख करते हैं, वहीं श्रुतंजय ने एक अलग और प्रेरणादायक रास्ता चुना।
Superstar’s IAS Son- शिक्षा बनी पहली प्राथमिकता
श्रुतंजय (Superstar’s IAS Son) ने इंजीनियरिंग की पढ़ाई गुइंडी कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग से की और फिर अशोका यूनिवर्सिटी से मास्टर्स की डिग्री हासिल की। पढ़ाई के दौरान उन्होंने एक स्टार्टअप में भी काम किया, जिससे उन्हें कॉर्पोरेट अनुभव मिला। लेकिन उनका असली सपना था IAS अधिकारी बनना। इसके लिए उन्होंने नौकरी के साथ-साथ रोजाना 4 से 5 घंटे की सेल्फ स्टडी की। वे रात की शिफ्ट में काम करके आर्थिक रूप से खुद को सहारा भी देते रहे और कभी अपने पिता के स्टारडम पर निर्भर नहीं हुए।
IAS बनने तक का सफर
श्रुतंजय नारायणन ने साल 2015 में UPSC सिविल सेवा परीक्षा में शानदार प्रदर्शन करते हुए ऑल इंडिया रैंक 75 हासिल की। यह उनका दूसरा प्रयास था। उन्होंने अपने वैकल्पिक विषय के तौर पर सोशियोलॉजी चुना और भूगोल में भी खास रुचि दिखाई। उनके अनुशासन और मेहनत ने उन्हें वो मुकाम दिलाया, जिसकी कल्पना हर सिविल सेवा अभ्यर्थी करता है।
Superstar’s IAS Son- आज हैं तिरुप्पुर के सब कलेक्टर
वर्तमान में श्रुतंजय नारायणन (Superstar’s IAS Son) तमिलनाडु के तिरुप्पुर जिले में सब कलेक्टर के रूप में कार्यरत हैं। इससे पहले वे विल्लुपुरम जिले में एडिशनल कलेक्टर (विकास) के पद पर रहते हुए ग्रामीण क्षेत्रों में विकास योजनाओं को पहुंचाने का काम कर चुके हैं। उनकी कार्यशैली और जनता के प्रति समर्पण ने उन्हें एक संवेदनशील और प्रभावी अधिकारी के रूप में स्थापित किया है।
स्टारकिड से सिविल सर्वेंट बनने की प्रेरणादायक कहानी
श्रुतंजय नारायणन (Superstar’s IAS Son) की यह कहानी इस बात का उदाहरण है कि एक स्टारकिड होकर भी कोई युवा बॉलीवुड या एक्टिंग को अपनी मंज़िल न मानकर, देश सेवा को चुने और उसमें भी सफलता पाए, तो वह लाखों युवाओं के लिए प्रेरणा बन सकता है। मेहनत, लक्ष्य और आत्मनिर्भरता से वह साबित करते हैं कि असली पहचान चमकती स्क्रीन से नहीं, बल्कि जमीनी काम से बनती है।