Success Story: ऐसी महिला को सलाम नहीं करेंगे, 23 की उम्र में बनीं मां और 32 में IAS

Success Story: यह कहानी है मिनू जोशी की। वह केरल के एक छोटे से गांव से आती है. उनके पिता राज्य पुलिस में अधिकारी थे। ड्यूटी के दौरान उनका देहांत हो गया था. पिता की इच्छा थी कि बेटी एक दिन सिविल सेवक बने. पिता के इस सपने को मिनू ने यह जानना प्रेरणा देता है।
पुलिस विभाग में बनीं क्लर्क
पिता की मृत्यु के बाद मिनू पुलिस विभाग में क्लर्क बनीं. लेकिन, पढ़ाई बंद नहीं की। उसने केरल विश्वविद्यालय से बायोकेमिस्ट्री में मास्टर्स किया और UPSC की तैयारी शुरू कर दी। नौकरी के साथ-साथ UPSC की तैयारी करना आसान नहीं था, खासकर तब जब वे शादीशुदा थीं और एक बेटे की मां थी।
बिना कोचिंग किए UPSC क्लियर किया
2015 में मिनू ने UPSC की तैयारी शुरू की और कई वर्षों की मेहनत के बाद 150वीं रैंक के साथ सिविल सेवा परीक्षा पास कर ली. उन्होंने प्रीलिम्स, मेन्स और इंटरव्यू तीनों को बिना कोचिंग खुद की मेहनत से क्लियर किया. पति इस संघर्ष में साथ रहे. मिनू जोशी की कहानी हर उस महिला के लिए मिसाल है जो शादी, बच्चे या सीमित संसाधनों की वजह से अपने सपनों से समझौता कर बैठती है. उनका सफर यह दिखाता है कि अगर इरादा मजबूत हो तो कोई भी मंजिल दूर नहीं.
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