Success Story: वह क्रीमिनल की बेटी थी, अब है प्रेरणा देने वाली युवती, समाज के उलाहनों का ऐसे दिया जवाब
एक युवती ने सामाजिक प्रहारों/तानों का मुकाबला किया, गजब दिया जवाब

Success Story: Laknow : अगर लगन सच्ची हो तो कुछ भी हो सकता है। लगन के आगे दिक्कतें हार मान ही जाती हैं। कुछ करने की ठान ली जाए, तो सफलता जरूर हासिल होती है. यह खबर- कहानी है यूपी पुलिस में डीएसपी आयुषी सिंह की। आयुषी तब छोटी थी। पिता की हत्या हो गई। मां पर जिम्मेदारी आ गई। पर आयुषी ने हिम्मत नहीं हारी।
दरअसल, उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले की रहने वाली आयुषी सिंह की कहानी लाखों युवाओं को प्रेरित करने वाली है. डीएसपी आयुषी सिंह (DSP Ayushi Singh UP Police) जिंदगी में एक ऐसा दौर आया, जब सब कुछ ढहता हुआ नजर आया. साल 2015 में कोर्ट परिसर में उनके पिता योगेंद्र सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी गई. उस समय आयुषी 11वीं कक्षा की छात्रा थीं. आयुषी सिंह के पिता मुरादाबाद के डिलारी क्षेत्र के पूर्व ब्लॉक प्रमुख थे और राजनीति से जुड़े थे. उन पर हत्या जैसे कई आपराधिक मामले भी दर्ज थे.
जब सब बिखर गया
पिता की मौत के बाद आयुषी सिंह का पूरा परिवार बिखर गया. समाज से आलोचनाएं और ताने मिलने लगे. आयुषी को ‘क्रिमिनल की बेटी’ तक कहा जाने लगा. इन शब्दों से वह टूटी नहीं, बल्कि और मजबूत होती गईं. इस मुश्किल वक्त में उनकी मां ने उनका हौसला बढ़ाया और हर कदम पर साथ दिया. रिश्तेदारों ने भले ही दूरी बना ली, लेकिन मां-बेटी ने हार नहीं मानी.
पढ़ाई में थी जोरदार
आयुषी पढ़ाई में शुरू से ही तेज थीं.10वीं और 12वीं में उन्होंने 90 प्रतिशत से ज्यादा अंक प्राप्त किए. पिता के सपनों को पूरा करने का संकल्प लेकर उन्होंने यूपी पीसीएस परीक्षा की तैयारी शुरू की. तमाम आर्थिक और सामाजिक चुनौतियों के बावजूद उन्होंने हार नहीं मानी. खुद को साबित करने के लिए दिन-रात मेहनत की. उन्होंने नकारात्मक बातों को नजरअंदाज किया और पढ़ाई में जुट गईं.
अंतत: मिल गई सफलता
2022 की यूपी पीसीएस परीक्षा में आयुषी ने सफलता हासिल की. उन्हें पूरे प्रदेश में 62वीं रैंक मिली और डीएसपी पद के लिए चयन हुआ. यह केवल एक परीक्षा पास करने की बात नहीं थी, बल्कि यह उन सभी धारणाओं को तोड़ने का प्रतीक था, जो समाज ने उन पर थोप दी थीं. आयुषी कहती हैं कि लोग चाहे जो कहें, लेकिन उनके लिए उनके पिता हमेशा हीरो रहेंगे।