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उत्तर प्रदेशराज्य समाचार

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार का सामाजिक सुरक्षा मॉडल बना मिसाल

  • अंत्योदय से सर्वोदय की भावना के साथ योजनाओं को दिया जा रहा व्यापक विस्तार
  • गरीब, वंचित, अल्पसंख्यक और युवा बने योगी आदित्यनाथ सरकार की प्राथमिकता

लखनऊ
उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में संचालित जनकल्याणकारी योजनाएं “अंत्योदय से सर्वोदय” की अवधारणा को जमीन पर साकार करती दिख रही हैं। युवाओं के भविष्य निर्माण से लेकर निराश्रित महिलाओं, बुज़ुर्गों, दिव्यांगों, अल्पसंख्यकों और गरीब परिवारों तक सरकारी सहायता सीधे पहुंच रही है। करोड़ों लाभार्थियों को पेंशन, छात्रवृत्ति, निःशुल्क राशन, गैस कनेक्शन, सामूहिक विवाह अनुदान और शैक्षिक सहयोग प्रदान कर सरकार ने सामाजिक सुरक्षा का मजबूत ढांचा खड़ा किया है। योगी आदित्यनाथ की सरकार की नीतियों का परिणाम है कि उत्तर प्रदेश आज देश में सबसे अधिक लाभार्थियों तक सीधे लाभ पहुंचाने वाला राज्य बन चुका है।

युवाओं, छात्रों और बेटियों के लिए मजबूत आधार
प्रदेश के सभी जनपदों में मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना लागू कर सरकार ने प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले युवाओं को नई दिशा दी है।  सभी योजनाओं में अल्पसंख्यकों को सर्वाधिक लाभान्वित करने पर फोकस किया जा रहा है। विगत तीन वर्षों में 743 से अधिक युवा विभिन्न प्रतिष्ठित प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता प्राप्त कर चुके हैं। वहीं कोविड काल में अनाथ हुए बच्चों और किशोरों के लिए मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना ने उनके जीवन को नया सहारा दिया। शिक्षा के क्षेत्र में अनुसूचित जाति, पिछड़ा वर्ग और सामान्य वर्ग के छात्रों को पूर्वदशम और दशमोत्तर छात्रवृत्ति योजनाओं के अंतर्गत हजारों करोड़ रुपये की सहायता दी गई है। अनुसूचित जाति, पिछड़ा वर्ग और सामान्य वर्ग के छात्रों को सीधे छात्रवृत्ति का लाभ मिला है। यह आंकड़े साबित करते हैं कि योगी सरकार शिक्षा को सामाजिक न्याय का सबसे मजबूत माध्यम बना रही है। बेटियों और गरीब परिवारों के लिए मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के अंतर्गत अब तक 4.77 लाख से अधिक जोड़ों का विवाह कराया जा चुका है। इस योजना में प्रति जोड़ा सहायता राशि 51 हजार रुपये से बढ़ाकर 1 लाख रुपये कर दी गई, जिससे गरीब परिवारों पर आर्थिक बोझ कम हुआ। 

राशन, पेंशन और गैस से हर घर तक राहत
प्रदेश के लगभग करोड़ों पात्र नागरिकों को प्रतिमाह 5 किलोग्राम निःशुल्क खाद्यान्न और अंत्योदय परिवारों को 35 किलोग्राम राशन उपलब्ध कराया जा रहा है। अंत्योदय कार्डधारकों को त्रैमासिक आधार पर 3 किलोग्राम चीनी भी रियायती दर पर दी जा रही है। कोविड काल में सरकार ने चना, खाद्य तेल और नमक भी निःशुल्क वितरित कर संवेदनशील प्रशासन की मिसाल कायम की। निराश्रित महिला, वृद्धावस्था और दिव्यांगजन पेंशन, उज्जवला योजना के लाभार्थियों में अल्पसंख्यकों व वंचित वर्ग के लोगों की संख्या सर्वाधिक है जो ये साबित करता है सरकार बिना किसी भेदभाव के समाज के सभी वर्गों तक लाभ पहुंचा रही है। यह व्यापक सामाजिक कल्याण मॉडल अल्पसंख्यकों, वंचितों और कमजोर वर्गों के जीवन में स्थायी बदलाव का आधार बन रहा है और उत्तर प्रदेश को देश में “सबसे बड़ा लाभार्थी राज्य” के रूप में स्थापित कर रहा है।

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