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Rule Changed : गूगल ने फीस वसूलनी शुरू की, अब UPI ट्रांजैक्शन पर लगेगा चार्ज

Rule Changed : आज के समय में डिजिटल पेमेंट का सबसे लोकप्रिय तरीका बन चुका है. भारत में रोजाना करोड़ों यूपीआई ट्रांजैक्शन होते हैं, जिससे सैकड़ों करोड़ रुपये का लेनदेन किया जाता है. अधिकतर लोग अपने रोजमर्रा के लेनदेन के लिए यूपीआई का ही इस्तेमाल करते हैं, चाहे वह किराना सामान खरीदना हो, मोबाइल रिचार्ज कराना हो, या फिर अन्य सेवाओं का भुगतान करना हो. पेटीएम, गूगल पे और फोनपे जैसी कंपनियां यूपीआई भुगतान के सबसे बड़े प्लेटफॉर्म हैं, जिनके जरिए अधिकतर ट्रांजैक्शन किए जाते हैं.

मोबाइल रिचार्ज पर पहले से ही लग रही है फीस

यूपीआई के जरिए मोबाइल रिचार्ज करने पर पहले से ही कुछ कंपनियां अलग-अलग नामों से चार्ज वसूल रही हैं. हालांकि, अब यह शुल्क केवल मोबाइल रिचार्ज तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि अन्य सेवाओं पर भी लागू हो सकता है. इसका मतलब यह हुआ कि आने वाले समय में बिजली बिल, इंश्योरेंस प्रीमियम, डीटीएच रिचार्ज, रेलवे और फ्लाइट टिकट बुकिंग, मेट्रो कार्ड रिचार्ज, फास्टैग, और अन्य सेवाओं के लिए यूपीआई से भुगतान करने पर भी शुल्क लिया जा सकता है.

यूपीआई ट्रांजैक्शन का बढ़ता उपयोग

यूपीआई (UPI) का इस्तेमाल न सिर्फ दुकानों और ऑनलाइन शॉपिंग के लिए किया जा रहा है, बल्कि पेट्रोल-डीजल, मूवी टिकट, गैस बुकिंग, और मनी ट्रांसफर जैसी सेवाओं के लिए भी इसका उपयोग तेजी से बढ़ा है. सरकार और बैंकों ने अब तक यूपीआई ट्रांजैक्शन को मुफ्त रखा था, जिससे डिजिटल भुगतान को बढ़ावा मिला. लेकिन, अब कंपनियां इस पर प्रोसेसिंग फीस लगाना शुरू कर रही हैं, जिससे आम उपभोक्ताओं पर अतिरिक्त वित्तीय बोझ पड़ सकता है.

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