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पंजाब/हरियाणाराज्य समाचार

TB जांच में क्रांति: हरियाणा सरकार ने 6 करोड़ की हाई-टेक मशीनें कीं खरीद, मिलेगी तेज़ व सटीक रिपोर्ट

चंडीगढ़
गांवों और दूरदराज क्षेत्रों में स्थित कम्युनिटी हेल्थ सेंटर (सीएचसी) व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) में टीबी टेस्ट के परिणाम के लिए अब ज्यादा इंतजार नहीं करना पड़ेगा। हरियाणा सरकार ने पहली बार छह करोड़ रुपये की लागत से 40 टू नेट मशीनों की खरीद को मंजूरी दे दी है। पहले केंद्र सरकार की ओर से यह मशीनें उपलब्ध करवाई जाती थी। इन मशीनों को सीएचसी और पीएचसी में उपलब्ध करवाया जाएगा। ये मशीनें टीबी के संदिग्ध मरीजों की गुणवत्तापूर्ण और त्वरित जांच करने में अहम म भूमिका निभाती हैं। मात्र एक से डेढ़ घंटे में पता चल सकेगा कि मरीज को टीबी है या नहीं।

स्टेट टीबी अधिकारी राजेश राजू ने बताया कि टीबी के गंभीर रोगियों का पता लगाने में टू नेट मशीन बेहद उपयोगी हैं। इसके जरिए कम समय में जांच के बेहद विश्वसनीय नतीजे प्राप्त किए जा सकते हैं। इस मशीन से टीबी के गंभीर मामलों का पता लगाना बेहद आसान होता है। इसका मकसद हरियाणा के ग्रामीण और दूरदराज 2018 के क्षेत्रों तक जांच सुविधा का विस्तार करना है। मशीनों के आने से जो इलाके हमारी जद से बच रहे थे अब उन पर फोकस किया जा सकेगा। समय पर रोग की पहचान होने से टीबी के संक्रमण को रोकने में मदद मिलेगी। टू नेट मशीन में एमडीआर रोगियों यानी मल्टीपल ड्रग रेजिस्टेंस मरीजों की भी जांच हो सकेगी

जनवरी से अक्तूबर तक हरियाणा में 79,000 नए मरीजों की पहचान की गई है। इस समयावधि में करीब नौ लाख टेस्ट किए गए हैं। इस दौरान 78,000 से अधिक मरीजों को सफलतापूर्वक टीबी मुक्त किया भी जा चुका है। टीबी अधिकारी का कहना है कि ज्यादा टेस्ट होने पर मरीजों की संख्या भी बढ़ना तय है। उन्होंने बताया कि ज्यादा टेस्ट करने का मकसद टीबी के प्रसार को रोकना है। एक अनुमान के मुताबिक एक टीबी मरीज साल में दस से 15 लोगों को संक्रमित करता है। ऐसे में यदि समव पर उसकी जांच कर इलाज शुरू कर दिया जाए तो टीबी को रोका जा सकता है। इसलिए हरियाणा में ज्यादा टेस्ट किए जा रहे हैं।

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