
Cyber fraud In Bharatpur: मामा-भांजे की ओर से बिछाए गए ठगी के जाल में ज्यादातर ऐसे लोगों को निशाना बनाया है, जो अनपढ़ और आर्थिक रूप से कमजोर हैं। करीब 400 करोड़ रुपए की साइबर ठगी में शामिल पति-पत्नी मजदूूर हैं, जिनके के पास खुद का मकान तक नहीं है। पुलिस जब उन्हें पकड़ने पहुंची तो दोनों एक कमरे के मकान में बिना पंखे के सोते मिले। पूछताछ में सामने आया कि दोनों अपना नाम तक लिख सकते हैं।
ठगी के लिए बनाई 4 कंपनियों के अकाउंट में सालभर में 400 करेाड़ रुपए का ट्रांजक्शन हुआ। इस ठगी की गैंग के खिलाफ 4 हजार शिकायत हैं। इसमें करीब 10 हजार लोगों से अलग-अलग राज्यों में ठगी की आशंका जताई गई है। आरोपी ऑनलाइन बेटिंग एप के जरिए लोगों को रुपए देकर गेम खेलने का लालच देते थे। जैसे ही इनके पास उनकी बैंक डिटेल्स पहुंचती, ये लोग ठगी के पैसे को उन अकाउंट्स में डालने का काम शुरू कर देतेे।
पुलिस पड़ताल में सामने आया है कि ठगी के असली किरदार मामा और भांजा हैं। पुलिस ने पति-पत्नी और मामा को गिरफ्तार कर लिया है, लेकिन सॉफ्टवेयर इंजीनियर ठग भांजा अभी फरार है। उल्लेखनीय है कि 6 मार्च 2025 को साइबर थाना धौलपुर पर हरिसिंह नाम के व्यक्ति ने हेल्पलाइन नंबर-1930 डायल कर फिनो पेमेंट बैंक के खाते के विरुद्ध साइबर फ्रॉड की शिकायत की थी। इसमें हरिसिंह ने आरोप लगाया था कि उसके पास एक ई-मेल आया था। उसने ई-मेल पर क्लिक किया तो उसके अकाउंट से अलग-अलग ट्रांजक्शन के जरिए करीब 14 लाख की ठगी हो गई।
हर महीने सैलरी भी देता था ठग
पुलिस की पूछताछ में सामने आया है कि रविंद्र आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को लालच देकर उनके दस्तावेज लेकर फर्जी कंपनी खुलवा देता था। इसके बाद कंपनी का पेन कार्ड, जीएसटी, टीएएन नंबर, सीआईएन नंबर जारी करवाता और कंपनी को मिनिस्ट्री ऑफ कॉर्पोरेट अफेयर्स से रजिस्टर्ड करा लेता था। इनके नाम वह फर्जी कंपनी खोलता, उन्हें महीने की सैलरी देता था।