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पंजाब/हरियाणाराज्य समाचार

हरियाणा में आलू के दाम धड़ाम, लागत भी नहीं निकल रही; किसान तबाही की कगार पर, BKU ने CM सैनी से लगाई गुहार

चंडीगढ़ 
भारतीय किसान यूनियन (चढ़ूनी) ने हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को पत्र लिखकर कहा है कि राज्य की मंडियों में आलू के भाव में भारी गिरावट दर्ज की गई है, जिससे सफेद आलू उत्पादक किसान गंभीर आर्थिक संकट में फंसते जा रहे हैं, लेकिन इसके बावजूद भावान्तर भरपाई योजना अब तक लागू नहीं की गई, जो किसानों के साथ अन्याय है। 

भाकियू (चढ़ूनी) के अनुसार प्रदेश की अधिकांश मंडियों, विशेषकर पंचकुला, सिरसा, सोनीपत, यमुनानगर, अंबाला और कुरुक्षेत्र की पिपली, शाहाबाद, बैबन आदि मंडियों में सफेद आलू के भाव लगातार गिर रहे हैं और यह भाव किसानों की उत्पादन लागत से काफी नीचे चले गए हैं। यूनियन ने बताया कि दूसरी ओर लाल आलू का भाव अपेक्षाकृत अधिक बना हुआ है, जिससे मंडियों का औसत/मॉडल के कारण भाव ऊपर दिखाया जा रहा है। इसका सीधा नुकसान सफेद आलू उत्पादक किसानों को उठाना पड़ रहा है, क्योंकि इसी औसत के आधार पर उन्हें भावान्तर भरपाई योजना से बाहर किया जा रहा है।
 
भारतीय किसान यूनियन (चढ़ूनी) ने कहा कि जब सफेद आलू का वास्तविक दाम बेहद कम है, तो उसे लाल आलू के साथ जोड़कर औसत निकालना सरासर अन्याय है। यूनियन ने यह भी आरोप लगाया कि आलू की फसल मंडियों में आने के बावजूद पोर्टल पर किसानों द्वारा रजिस्टर्ड फसल का सत्यापन अभी तक पूरा नहीं किया गया, जिसके कारण ई-खरीद पोर्टल पर कोटा जारी नहीं हो पा रहा और मंडियों में ऑनलाइन गेट पास नहीं कट रहे। इससे किसानों को मजबूरी में औने-पौने दामों पर फसल बेचनी पड़ रही है।

 किसान नेता गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने तत्काल हस्तक्षेप नहीं किया, तो सफेद आलू उत्पादक किसानों को भारी नुकसान होगा, जिसकी पूरी जिम्मेदारी सरकार और संबंधित विभागों की होगी, साथ ही यूनियन ने स्पष्ट किया कि यदि किसानों की मांगों पर जल्दी निर्णय नहीं लिया गया, तो संगठन को आंदोलनात्मक रास्ता अपनाने पर मजबूर होना पड़ेगा।

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