नेपाल की पहली महिला अंतरिम प्रधानमंत्री बनीं सुशीला कार्की, Gen-Z प्रदर्शनों के बीच शपथ आज

काठमांडू। नेपाल में राजनीतिक संकट के बीच बड़ा फैसला लिया गया है। पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुशीला कार्की को अंतरिम प्रधानमंत्री नियुक्त किया गया है। राष्ट्रपति राम चंद्र पौडेल और सेना प्रमुख जनरल अशोक राज सिग्देल की मौजूदगी में Gen-Z समूहों की बैठक में उनके नाम पर सहमति बनी। वह आज रात 8:45 बजे राष्ट्रपति भवन में शपथ लेंगी और इस तरह नेपाल की पहली महिला प्रधानमंत्री बनेंगी।
प्रदर्शनों के दबाव में गिरी सरकार
हाल ही में पीएम केपी शर्मा ओली की सरकार भ्रष्टाचार, भाई-भतीजावाद और सोशल मीडिया बैन के खिलाफ उठे जनाक्रोश की वजह से घिर गई। 8 और 9 सितंबर को Gen-Z के नेतृत्व में राष्ट्रव्यापी हिंसक प्रदर्शन हुए, जिसके बाद ओली को इस्तीफा देना पड़ा। प्रदर्शनकारियों की प्रमुख मांग थी कि मौजूदा संसद को भंग कर अगले आम चुनाव तक एक अंतरिम सरकार का गठन किया जाए। राष्ट्रपति ने सेना प्रमुख से विचार-विमर्श कर इस मांग को स्वीकार किया।
सुशीला कार्की का सफर
सुशीला कार्की ने 1979 में विराटनगर से वकील के रूप में अपने करियर की शुरुआत की। 2009 में वह सुप्रीम कोर्ट की न्यायाधीश बनीं और 2016 में नेपाल की पहली महिला मुख्य न्यायाधीश का पद संभाला। वह भ्रष्टाचार के खिलाफ अपने सख्त रुख के लिए जानी जाती हैं। विशेष रूप से उन्होंने पूर्व मंत्री जय प्रकाश गुप्ता को भ्रष्टाचार मामले में दोषी ठहराकर जेल भेजा था।
उन्होंने 1975 में त्रिभुवन विश्वविद्यालय से कानून में स्नातक और 1978 में बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान में स्नातकोत्तर किया। 2017 में उन पर राजनीतिक दबाव के चलते महाभियोग लाने की कोशिश हुई, लेकिन इसके बावजूद उन्होंने एक स्वतंत्र और सुधारवादी न्यायाधीश के रूप में अपनी पहचान कायम रखी।
ऐतिहासिक क्षण
कार्की का प्रधानमंत्री बनना नेपाल की राजनीति में ऐतिहासिक क्षण है। यह न सिर्फ महिलाओं के लिए प्रेरणा है, बल्कि लोकतांत्रिक सुधारों की दिशा में एक अहम कदम भी माना जा रहा है।