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आधी दुनिया

न गोवा, न कश्मीर… 2025 में गूगल पर इस छोटे से शहर को किया गया सबसे ज्यादा सर्च, यात्रियों की प्राथमिकताएं बदल गईं

 नई दिल्ली
आज के दौर में घूमना-फिरना सिर्फ शौक नहीं, बल्कि एक जरूरी हिस्सा बन गया है. सोशल मीडिया खोलिए तो हर कोई दुनिया के किसी न किसी कोने में घूमता दिख जाएगा. साल 2025 खत्म होने को है, गूगल ने अपनी सालाना सर्च रिपोर्ट जारी की है.

यह रिपोर्ट बताती है कि भारतीयों के दिल में कौन सी जगह सबसे ज्यादा बसी हुई है. हैरानी की बात यह है कि इस बार न तो गोवा के समुद्र तटों को सबसे ज्यादा खोजा गया और न ही कश्मीर की बर्फ से ढकी चोटियों को. 2025 में भारतीयों ने कुंभ नगरी को सर्च किया.

गूगल की यह लिस्ट बताती है कि भारतीय यात्री अब सुकून और अनुभवों की तलाश में हैं, और इसी तलाश ने एक बड़े धार्मिक आयोजन को देश की सबसे बड़ी ट्रैवल सर्च बना दिया. चलिए जानते हैं कि 2025 में किस जगह ने भारतीयों को सबसे ज्यादा आकर्षित किया, और बाकी कौन-कौन से डेस्टिनेशन ट्रेंड में रहे.

महाकुंभ बना भारत का सबसे बड़ा ट्रैवल डेस्टिनेशन

अगर आप सोचते हैं कि भारतीयों ने सबसे अधिक वियतनाम या मालदीव को खोजा होगा, तो आप गलत हैं. दरअसल 2025 में भारत की सबसे ज्यादा ट्रेंडिंग ट्रैवल सर्च थी महाकुंभ मेला. महाकुंभ ने न सिर्फ घूमने-फिरने वाली जगहों की लिस्ट में पहला स्थान पाया, बल्कि यह पूरे साल की टॉप ट्रेंडिंग न्यूज और सर्च में भी शामिल रहा.

महाकुंभ 2025 देश के लिए एक बहुत बड़ा इवेंट साबित हुआ. इसने साफ कर दिया कि भारत में अब आध्यात्मिक पर्यटन कितना मजबूत हो चुका है. ट्रैवल एक्सपर्ट्स का मानना है कि महाकुंभ ने भारत को ग्लोबल आध्यात्मिक नक्शे पर मजबूती से जगह दिलाई है. इस साल की शुरुआत में इंडिया टुडे से बात करते हुए, द विट्स कामट्स ग्रुप के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक डॉ. विक्रम कामत ने 2025 के महाकुंभ को आध्यात्मिक पर्यटन के लिए एक क्रांतिकारी बदलाव बताया था. पहले जहां माना जाता था कि धार्मिक यात्राएं सिर्फ बुजुर्गों के लिए होती हैं, वहीं इस महाकुंभ ने युवा पीढ़ी को भी बड़ी संख्या में अपनी तरफ खींचा है.

युवा भी जुड़े जड़ों से

यह महाकुंभ सिर्फ एक धार्मिक मेला तक सीमित नहीं रहा, बल्कि युवाओं को भारत की पुरानी आध्यात्मिक पंरपराओं से जुड़ने का मौका दिया. यही वजह है कि वाराणसी, ऋषिकेश और बोधगया जैसी जगहों की यात्रा की खोजों में भी तेज उछाल दिखा. इस साल यात्रा सिर्फ मंदिर तक पहुंचने की बात नहीं रही, बल्कि लोग वहां की सांस्कृतिक कहानियां, आर्ट, संगीत, योग और दर्शन की तरफ भी आकर्षित हुए.

इस आध्यात्मिक लहर का असर इतना गहरा था कि सोमनाथ जैसा प्रमुख तीर्थस्थल भी टॉप ट्रेंडिंग सर्च लिस्ट में नौवें नंबर पर जगह बनाने में कामयाब रहा. यह साफ दिखाता है कि भारतीय अब सिर्फ मौज-मस्ती नहीं, बल्कि अपनी जड़ों से जुड़ने और मन की शांति पाने के लिए भी घूमना चाहते हैं.

बीच और द्वीप अभी भी ट्रेंड में

हांलाकि ऐसा नहीं है कि लोगों ने समुद्र तटों और छुट्टियों वाले द्वीपों को पूरी तरह से भूल दिया. विदेश घूमने के शौकीन भी लिस्ट में नजर आए. गूगल की सर्च लिस्ट से पता चलता है कि साउथ एशिया में लोगों की रुचि काफी बढ़ी है. टॉप ट्रेंडिंग लिस्ट में फिलीपींस दूसरे नंबर पर रहा, जबकि वियतनाम का फु क्वोक छठा और थाईलैंड का फुकेत सातवें नंबर शामिल रहा. वहीं,  मालदीव लिस्ट के आठवें नंबर पर बना रहा. यूरोप की बात करें तो जॉर्जिया अपनी खूबसूरत वादियों, पुराने मठों और शानदार पाक कला की वजह से अंतरराष्ट्रीय पर्यटन में तीसरा सबसे पसंदीदा डेस्टिनेशन बना रहा.

कुछ डेस्टिनेशन जो अपनी जगह बनाए रहे

दिलचस्प बात यह है कि जहां कई जगहों की सर्च में उतार-चढ़ाव आया, वहीं कुछ जगहें ऐसी रहीं जिन्होंने लगातार अपनी पकड़ बनाए रखी. देश में कश्मीर (5वां स्थान) और विदेश में जॉर्जिया (3रा स्थान) लगातार दूसरी बार लिस्ट में जगह बनाने में कामयाब रहे. 2024 की सर्च में भी ये क्रमशः छठे और नौवें स्थान पर थे, जो इनकी लगातार बढ़ती लोकप्रियता को दर्शाता है. इसके अलावा, भारत से पांडिचेरी ने भी टॉप 10 में अपनी जगह बनाई.

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