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छत्तीसगढ़राज्य समाचार

रायपुर : कृषि और आदिवासी विकास को लेकर मंत्री रामविचार नेताम ने कांकेर में तीन जिलों के अधिकारियों की समीक्षा बैठक ली

रायपुर

प्रदेश के कृषि, किसान कल्याण एवं जैव प्रौद्योगिकी तथा आदिम जाति, अनुसूचित जाति, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक विकास मंत्री रामविचार नेताम ने आज जिला कार्यालय कांकेर के सभागार में कांकेर, बालोद और धमतरी जिलों के कृषि एवं आदिवासी विकास विभाग के अधिकारियों की समीक्षा बैठक ली। बैठक में विभागीय योजनाओं के क्रियान्वयन की प्रगति, खाद-बीज वितरण एवं किसानों को दी जा रही सुविधाओं की विस्तृत समीक्षा की गई। बैठक में कांकेर विधायक आशाराम नेताम, मछुआ कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष भरत मटियारा भी मौजूद थे। 

कृषि मंत्री नेताम ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि किसानों को जैविक खेती, कोदो-कुटकी जैसी पारंपरिक एवं लाभकारी फसलों के लिए प्रेरित करें तथा उन्नत कृषि तकनीक के प्रचार-प्रसार के लिए व्यापक अभियान चलाएं। उन्होंने कहा कि खाद एवं बीज का समय पर वितरण सुनिश्चित करते हुए योजनाओं का लाभ पारदर्शिता से अंतिम छोर के किसान तक पहुंचे, यह शासन की सर्वाेच्च प्राथमिकता है।

उन्होंने मृदा की सेहत को संरक्षित रखने हेतु रासायनिक उर्वरकों के सीमित उपयोग और जैविक खादों के उपयोग के प्रति किसानों को जागरूक करने पर जोर दिया। उद्यानिकी के क्षेत्र में मुनगा, ऑयल पाम, मसाला फसलें और कोदो-कुटकी जैसी फसलों के माध्यम से युवाओं को रोजगार से जोड़ने तथा तकनीकी प्रशिक्षण प्रदान करने हेतु भी उन्होंने निर्देश दिए। 

बैठक में संचालक कृषि एवं प्रबंध संचालक, राज्य बीज एवं कृषि विकास निगम अजय कुमार अग्रवाल द्वारा तीनों जिलों में बीज एवं खाद की उपलब्धता, भंडारण और वितरण की स्थिति की जानकारी दी गई। उन्होंने बताया कि कांकेर जिले में 38,869.35 क्विंटल धान बीज में से 34,756.60 क्विंटल का वितरण हो चुका है। यूरिया खाद 25,568.13 मीट्रिक टन में से 20,525.87 मीट्रिक टन वितरित किया गया है। डीएपी खाद 7,024.15 मीट्रिक टन में से 6,002.05 मीट्रिक टन तथा एनपीके 9,129.55 मीट्रिक टन में से 7,216.73 मीट्रिक टन वितरित किया गया है। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना अंतर्गत वर्ष 2024-25 में कांकेर जिले के 75,559 कृषक बीमित हैं, जबकि वर्ष 2025-26 में 17,575 कृषकों का बीमा किया गया है। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना अंतर्गत जिले के 82,395 कृषक लाभान्वित हुए हैं।

बैठक में आदिवासी विकास विभाग की समीक्षा करते हुए मंत्री नेताम ने कहा कि आश्रम-छात्रावासों में निवासरत बच्चों का सर्वांगीण विकास सुनिश्चित करना विभागीय अधिकारियों की प्राथमिक जिम्मेदारी है। उन्होंने सहायक आयुक्तों को निर्देशित किया कि वे नियमित रूप से छात्रावासों का आकस्मिक निरीक्षण करें और प्रतिवेदन कलेक्टर को दें। मंत्री ने छात्रावासों में स्वच्छता, बिजली, पेयजल, शौचालय, सुरक्षा जैसी बुनियादी जरूरतों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। छात्रावासों में पौधरोपण भी कराए जाने के निर्देश दिए। 

आदिवासी विकास विभाग के आयुक्त डॉ. सारांश मित्तर ने भी अधिकारियों को निर्माण कार्यों की शीघ्र पूर्णता और शासन की राशि के सदुपयोग पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए। उन्होंने आश्रमों की बुनियादी आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु सतत् निगरानी रखने का निर्देश दिया। बैठक में कांकेर कलेक्टर निलेशकुमार महादेव क्षीरसागर ने जिले में उन्नत कृषि हेतु कार्ययोजना तैयार करने तथा छात्रावासों के लंबित कार्यों को गुणवत्तापूर्ण रूप से शीघ्र पूर्ण कराने की बात कही। 

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