
नई दिल्ली. कश्मीर घाटी में धर्म पूछकर हिन्दू पर्यटकों का नरसंहार करने की घटना ने पूरी दुनिया को हिलाकर रख दिया था. आतंकियों की ओर से किए गए इस बर्बर हमले से पूरा देश उबल पड़ा. हर तरफ से बदला लेने की आवाज उठने लगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साफ कर दिया था कि इस कायराना हरकत करने वाले और उनको बचाने वालों को मिट्टी में मिला दिया जाएगा. इंडियन आर्म्ड फोर्सेज को आतंकवादियों और दुश्मनों को जवाब देने की खुली छूट दे दी गई. इसके बाद भारतीय सुरक्षाबलों ने ऑपरेशन सिंदूर लॉन्च किया. पाकिस्तान में मौजूद आतंकी शिविरों को निशाना बनाते हुए उन्हें तबाह कर दिया. आतंकियों का आका पाकिस्तान इससे बौखला गया और भारत पर ड्रोन और मिसाइल से हमला करना शुरू कर दिया, जिन्हें बेअसर कर दिया गया. इसके बाद इंडिया ने जवाबी कार्रवाई करते हुए पाकिस्तान के 11 एयरबेस को तबाह कर दिया. इनमें नूर खान एयरबेस भी शामिल है, जिसके पास ही पाकिस्तान का न्यूक्लियर वेपन रखा गया है. इससे पाकिस्तान के पसीने छूट गया. भारत ने ब्रह्मोस क्रूज मिसाइल से स्ट्राइक करते हुए आतंकियों के आका को घुटनों पर ला दिया. अब ब्रह्मोस मिसाइल के इस्तेमाल पर एक चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है.
क्या आपको पता है कि ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारत ने पाकिस्तानी सरजमीं पर कितनी ब्रह्मोस क्रूज मिसाइलें पटकीं? सूत्रों के हवाले से बड़ी खबर सामने आई है. ब्रह्मोस मिसाइल की प्रचंडता को देखकर पाकिस्तान का मनोबल भरभरा कर गिर गया और वह सीजफायर के लिए गिड़गिड़ाने लगा. भारत अपनी शर्तों पर सीजफायर के लिए तैयार हुआ. भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत अभी तक पाकिस्तान पर 15 ब्रह्मोस मिसाइलें दागी हैं. ब्रह्मोस मिसाइल की गिनती दुनिया के घातक मिसाइलों में होती है. पाकिस्तान ने इसके अचूक निशाने वाले प्रहार और प्रचंडता का अनुभव किया है. यही वजह है कि पड़ोसी देश दुनिया की शरण में चला गया और उनसे भारत को मनाने की गुहार लगाने लगा. इसके बाद भारत सीजफायर के लिए सहमत हुआ. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में स्पष्ट तौर पर कह दिया कि भारत में किसी भी तरह के आतंकी हमले अब एक्ट ऑफ वॉर (युद्ध की घोषणा) माना जाएगा.
सुपरसोनिक स्पीड: ब्रह्मोस मिसाइल की गति मैक 2.8 से मैक 3 (3430 किमी/घंटा तक) तक होती है, जो इसे दुनिया की सबसे तेज़ क्रूज मिसाइलों में से एक बनाती है.
मल्टी-प्लेटफॉर्म कैपेबिलिटी: ब्रह्मोस मिसाइल को थल (भूमि), जल (नौसेना) और वायु (वायुसेना) तीनों माध्यमों से दागा जा सकता है. इसे युद्धपोतों, पनडुब्बियों, ट्रकों और लड़ाकू विमानों (जैसे कि सुखोई-30MKI) से लॉन्च किया जा सकता है.
हाई एक्यूरेसी: ब्रह्मोस की सटीकता बहुत अधिक है. इसकी CEP (Circular Error Probability) केवल 1 मीटर के आसपास है, यानी यह अपने लक्ष्य के लगभग बिल्कुल सटीक केंद्र पर वार करती है.
वॉरहेड कैपेसिटी: ब्रह्मोस मिसाइल लगभग 200 से 300 किलोग्राम तक का पारंपरिक (conventional) या सेमी आर्मर (semi-armor piercing) वॉरहेड ले जा सकती है.
स्टील्थ तकनीक: इसमें लो-रेडार सिग्नेचर टेक्नोलॉजी है, जिससे यह दुश्मन की रडार निगरानी से बच निकलती है.
आधुनिक गाइडेंस सिस्टम: ब्रह्मोस में अत्याधुनिक INS (Inertial Navigation System) और GPS/GLONASS गाइडिंग सिस्टम है, जो इसे चलते-फिरते लक्ष्यों पर भी हमला करने में सक्षम बनाती है.
रेंज: पहले इसकी रेंज लगभग 290 किमी थी, लेकिन MTCR (Missile Technology Control Regime) में भारत की सदस्यता के बाद इसकी रेंज 450 किमी से बढ़ाकर अब 800 किमी तक की जा रही है.
फायर एंड फॉरगेट सिस्टम: लॉन्च के बाद मिसाइल को नियंत्रित करने की जरूरत नहीं होती है. यह खुद ही लक्ष्य को खोजकर हमला करती है.
पाकिस्तान के 11 एयरबेस तबाह
बता दें कि भारत ने पाकिस्तान में मौजूद आतंकी शिविरों को निशाना बनाया था, लेकिन पाकिस्तान ने इंडियन एयरबेस को टारगेट बनाना शुरू कर दिया. इसके बाद भारत ने भी जवाबी कार्रवाई करनी शुरू कर दी. ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान पर 15 ब्रह्मोस मिसाइलें दागीं गईं थीं. सूत्रों का दावा है कि पाकिस्तान के 11 एयरबेस को निशाना बनाया गया था. IAF ने ब्रह्मोस और स्कैल्प मिसाइलें दागीं थीं. भारत ने पाकिस्तान पर 15 ब्रह्मोस मिसाइलें दागी थीं. ऑपरेशन सिंदूर के तहत इसे अंजाम दिया गया था.