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Success Storyउत्तर प्रदेश

IIT से इंजीनियरिंग, मुश्किल हालात से लड़कर UPSC क्रैक किया, जानें प्रतिभा वर्मा की सफलता की कहानी

IAS प्रतिभा वर्मा की कहानी धैर्य और दृढ़ता की कहानी है. उन्होंने दिखाया है कि जीवन में आने वाली बाधाओं को पार करके अपने लक्ष्य तक कैसे पहुंचा जा सकता है. यूपी के सुल्तानपुर की रहने वाली प्रतिभा वर्मा ने साल 2019 में यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा तीसरी रैंक के साथ क्रैक की थी. इंजीनियरिंग से IRS और फिर IAS का सफल उनके लिए इतना भी आसान नहीं था. यूपीएससी की तैयारी के दौरान वह अक्सर बीमार रहती थीं.

.टीचर पैरेंट्स के चारों बच्चे क्या करते हैं?
प्रतिभा की मां उषा वर्मा प्राइमरी स्कूल में टीचर हैं जबकि उनके पिता सुधांशु वर्मा हायर सेकेंडरी स्कूल में पढ़ाते हैं. प्रतिभा के बड़े भाई प्राइवेट जॉब करते हैं. उनकी बहन डॉक्टर हैं और उनके छोटे भाई की बीटेक की पढ़ाई पूरी हो चुकी है. प्रतिभा के लिए सबसे बड़ी बाधा यह थी कि उन्होंने हिंदी मीडियम स्कूल से पढ़ाई की थी.

IIT से बीटेक के बाद दो साल की प्राइवेट नौकरी
यूपी बोर्ड स्कूल से दसवीं और सीबीएसई बोर्ड से बारहवीं की पढ़ाई पूरी करने के बाद वह आईआईटी दिल्ली से बी.टेक करने के लिए दिल्ली आ गईं. साल 2014 में बी.टेक की पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्हें तुरंत ही एक टेलीकॉम कंपनी में बढ़िया सैलरी वाली नौकरी मिल गई. वहां दो साल काम करने के बाद उन्होंने यूपीएससी की तैयारी का मन बनाया और फिर नौकरी छोड़कर 2016 से परीक्षा की तैयारियों में जुट गईं.

IAS बनने के लिए तीसरी बार दी यूपीएससी की परीक्षा
प्रतिभा अपने पहले प्रयास में असफल रहीं. लेकिन दूसरा प्रयास उनके लिए सफलता लेकर आया. उन्हें 489वीं रैंक हासिल हुई और इंडियन रेवेन्यू सर्विसेस के लिए वह सिलेक्ट हुईं लेकिन उनकी मंजिल तो आईएएस की कुर्सी थी. उन्होंने धैर्य बनाए रखा और दृढ़ निश्चय के साथ तीसरी बार यूपीएससी परीक्षा देने की तैयारी शुरू कर दी. इस दौरान उन्होंने बीमारी का भी सामना किया.

बीमारी ने किया परेशान फिर भी लाईं तीसरी रैंक
2018 में डेंगू तो 2019 में उन्हें टाइफाइड हो गया जिसकी वजह से पढ़ाई और इंटरव्यू पर फोकस करना मुश्किल हो रहा था. साल 2019 में उन्होंने यूपीएससी में तीसरी रैंक लाकर अपना लक्ष्य हासिल कर लिया. अब वह एक आईएएस अधिकारी बन चुकी थीं. फिलहाल वह अलवर में सीईओ जिला परिषद के पद पर कार्यरत हैं. आज उनकी सफलता की कहानी लाखों युवाओं को प्रेरित कर रही है.

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