बस कंडक्टर की बेटी बनी IPS, आर्थिक तंगी भी नहीं बनी रोड़ा, जानें शालिनी अग्निहोत्री की कहानी

यूपीएससी टॉपर्स की कहानी
संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) द्वारा आयोजित सिविल सेवा परीक्षा में यूं तो लाखों युवा बैठते हैं। लेकिन चंद लोग हैं जो इस परीक्षा में सफलता हासिल कर पाते हैं। जो सफल होते हैं उनकी कहानी प्रेरणादायक बबन जाती है।
पिता कंडक्टर
आज हम आपको आईपीएस शालिनी अग्निहोत्री से रूबरू कराएंगे जिनके पिता हिमाचल प्रदेश रोडवेज में बस कंडक्टरी करते थे। शालिनी अग्निहोत्री हिमाचल प्रदेश के ऊना जिले की रहने वाली हैं।
शामिली की एजुकेशन
शालिनी ने धर्मशाला के स्कूल से पढ़ाई की है। 10वीं में उन्हें 92 प्रतिशत और 12वीं में 77 प्रतिशत अंक आए थे। 12वीं की पढ़ाई के बाद शालिनी ने हिमाचल प्रदेश यूनिवर्सिटी से एग्रीकल्चर में ग्रेजुएशन और फिर पोस्ट ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की।
पहली बार में आईपीएस
सीमित संसाधन और आर्थिक तंगी के कारण शालिनी ने बिना किसी कोचिंग के ही यूपीएससी की तैयारी शुरू कर दी। 2011 में उन्होंने पहली बार यूपीएससी पास किया और IPS चुनी गईं।
इसे भी पढ़ें : गुलाबी साड़ी-सोने का हार पहन एग्जाम हॉल पहुंची MLA मैडम, BSW की परीक्षा देती नजर आईं