इंदौर इन्फ्लुएंसर विवाद: पारुल और गौरव का प्रॉपर्टी मामला पुलिस कमिश्नर तक पहुंचा

इंदौर
इंदौर में सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर पारुल अहिरवार और उसके दोस्त गौरव रावल के बीच चल रहा प्रॉपर्टी विवाद लगातार बढ़ता जा रहा है। इस मामले में अब गौरव रावल ने पुलिस कमिश्नर और डीसीपी को आवेदन देकर पारुल और उसके साथी वीर शर्मा की शिकायत की है। गौरव का आरोप है कि पारूल और वीर शर्मा ने पुलिसकर्मी बनकर उसे धमकी भरा कॉल किया और बदनाम करने की कोशिश की है। इसके पहले पारुल ने गौरव पर लाखों रुपए की धोखाधड़ी का आरोप लगाते हुए क्राइम ब्रांच में शिकायत की थी।
आखिर क्या है पूरा मामला
पुलिस के मुताबिक पारुल और गौरव ने 2020 में 800 वर्ग फीट का मकान संयुक्त रुप से खरीदा था, इसके लिए दोनों ने चार-चार लाख रुपए जमा किए थे। गौरव ने इस मकान पर 20 लाख रुपए का बैंक लोन ले लिया था। इस लोन की आधी किस्त 9,000 रुपए पारुल साल 2020 से भरती रही है। इस संबंध में दोनों के बीच एक लिखित एग्रीमेंट भी हुआ था। अब पारुल का आरोप है कि गौरव ने यह एग्रीमेंट चुरा लिया और मकान की रजिस्ट्री अपने नाम पर करा ली है। जून 2025 में पारुल को पता चला कि गौरव मकान को किसी और को बेच चुका है। उसने गौरव को कॉल किया, लेकिन फोन स्विच ऑफ था। पारुल ने कई बार गौरव से संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन बात नहीं हो पाई। जिसके बाद पारुल ने गौरव के खिलाफ क्राइम ब्रांच में शिकायत दर्ज करा दी।
800 वर्ग फीट के मकान को लेकर तनातनी पुलिस के मुताबिक, पारुल का कहना है कि वर्ष 2020 में उसने और गौरव ने 800 वर्ग फीट का मकान संयुक्त रूप से खरीदा था। इसके लिए दोनों ने चार-चार लाख रुपए जमा किए थे।
गौरव ने इस मकान पर 20 लाख रुपए का बैंक लोन ले लिया था। इस लोन की आधी किस्त 9,000 रुपए पारुल साल 2020 से भरती रही है। इस संबंध में दोनों के बीच एक लिखित एग्रीमेंट भी हुआ था।
पारुल का आरोप है कि गौरव ने यह एग्रीमेंट चुरा लिया। फिर मकान की रजिस्ट्री अपने नाम पर करा ली। जून 2025 में पारुल को पता चला कि गौरव मकान को किसी और को बेच चुका है।
उसने गौरव को कॉल किया लेकिन फोन स्विच ऑफ था। पारुल ने कई बार गौरव से संपर्क करने की कोशिश की लेकिन बात नहीं हो पाई। आखिरकार पारुल ने गौरव के खिलाफ क्राइम ब्रांच में शिकायत दर्ज करा दी।
मकान की रजिस्ट्री को लेकर है विवाद
गौरव रावल ने पुलिस को शिकायत कहा है, उसने और पारुल ने मिलकर ओमेक्स सिटी फेज वन में घर लिया था, जिसकी रजिस्ट्री गौरव और उसकी मां के नाम थी। पारुल ने तय 5 लाख में से सिर्फ 4 लाख ही बिल्डर को दिए और करीब 18 महीने तक आधे हिस्से में रहने की बात कहकर किराया देती रही। गौरव का आरोप है कि जब उसने मकान बेचने का फैसला किया तो पारुल ने बिना पूरी रकम दिए ही रजिस्ट्री अपने नाम कराने का दबाव बनाया। इसके बाद पारुल और उसके साथी वीर ने गौरव की बहन के ऑफिस में अभद्रता की, जिससे उसकी नौकरी चली गई।
गौरव ने यह भी बताया कि वीर ने खुद को पुलिसकर्मी बताकर उसकी बहन को फोन किए। उसे अलग-अलग नंबरों से धमकी भरे कॉल किए। इस विवाद में पारुल पहले ही गौरव पर धोखाधड़ी का केस दर्ज करा चुकी है। दूसरी ओर गौरव ने भी पारुल और वीर पर धमकी देने और धोखाधड़ी का आरोप लगाते हुए कार्रवाई की मांग की है। वीर का कहना है कि उसने खुद को पुलिसकर्मी बताकर कॉल नहीं किए, बल्कि शिकायत के मामले में थाने को जानकारी दी थी।
गौरव के वकील ने स्पष्ट किया कि उनके मुवक्किल को किसी भी तरह का नोटिस नहीं मिला है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि पारुल और वीर सोशल मीडिया पर गौरव की छवि खराब करते हैं तो उनके खिलाफ FIR दर्ज कराई जाएगी। बताया जा रहा है कि विवाद बढ़ने के बाद दोनों ने सोशल मीडिया पर अपनी गतिविधियां कम कर दी हैं।
गौरव और उसकी मां के नाम पर है रजिस्ट्री
गौरव के मुताबिक, पारुल और उसने मिलकर शुभांजन ओमेक्स वन सिटी में मकान लिया था। इसकी रजिस्ट्री गौरव और उसकी मां के नाम पर थी। पारुल और गौरव के बीच समझौते के बाद पारुल को बाद में पांच लाख रुपए देने की बात तय हुई थी। इसके एवज में पारुल ने केवल चार लाख रुपए सीधे बिल्डर के बैंक खाते में जमा कराए थे। पारुल आधे हिस्से में रहने की बात कहकर करीब 18 महीने तक गौरव को मकान किराया देती रही। गौरव का ये भी कहना है कि जब उसने मकान बेचने का मन बनाया तो पारुल ने बिना पूरी रकम दिए मकान के एक हिस्से की रजिस्ट्री अपने नाम कराने का दबाव डाला।
गौरव बोला- मकान मेरे और मां के नाम पर था उधर, गौरव रावल द्वारा पुलिस को दी गई शिकायत के मुताबिक, पारुल और उसने मिलकर शुभांजन ओमेक्स वन सिटी में मकान लिया था। इसकी रजिस्ट्री गौरव और उसकी मां के नाम पर थी।
समझौते के अनुसार, पारुल को बाद में 5 लाख रुपए देने की बात तय हुई थी। इसके ऐवज में पारुल ने केवल 4 लाख रुपए सीधे बिल्डर के बैंक खाते में जमा कराए थे। पारुल आधे हिस्से में रहने की बात कहकर करीब 18 महीने तक गौरव को मकान का किराया देती रही।
गौरव का दावा है कि जब उसने मकान बेचने का मन बनाया तो पारुल ने बिना पूरी रकम दिए इसके एक हिस्से की रजिस्ट्री अपने नाम कराने का दबाव डाला।
वीर पर पुलिसकर्मी बनकर कॉल करने का आरोप गौरव का आरोप है कि पारुल ने अपने साथी वीर को उसकी बहन ममता के ऑफिस में भेजकर अभद्रता कराई। जिसके बाद ममता की नौकरी चली गई। इसके बाद वीर ने खुद को लसूडिया थाने का पुलिसकर्मी बताकर ममता को कॉल किए।
गौरव ने बताया कि उसे अलग-अलग फोन नंबरों से धमकी भरी कॉल आ रही थीं। उसने इनकी दो ऑडियो रिकॉर्डिंग पुलिस को भी सौंपी हैं।



